आज जब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता श्री अजय सिंह राहुल भैया के समर्थक, प्रशंसक और शुभचिंतक उनका जन्मदिन मना रहे हैं, तब मन में ख्याल आया कि उनके जीवन का ऐसा कौन सा पहलू है जिसे इस शुभ अवसर पर उजागर किया जाए। वह पहलू जिससे कांग्रेस में पुर्न जागृति तो हो ही, संगठन के माध्यम से जनता जनार्दन तक भी अधिकतम नैतिक समर्थन उपलब्ध कराया जा सके। तब मुझे रामायण का एक प्रसंग याद आया और लिखने बैठ गया। प्रसंग है कि जब लक्ष्मण जी को प्राण घातिनी शक्ति लगी तो चारों ओर केवल और केवल निराशा का माहौल था। इतनी घोर निराशा की श्री राम भी अपने अनुज से विरह की कल्पना कर समस्त संघर्षों को छोड़ते हुए शरीर त्यागने का संकल्प ले बैठे थे। तब लंका से लाए गए वैद्य सुषेण ने सबको बताया कि हिमालय पर्वत की कंदराओं में संजीवनी नाम की एक जड़ी बूटी मौजूद है। अभी तक वह जनसाधारण की नजरों से ओझल है, इसलिए लंबे समय से किसी ने भी उक्त संजीवनी बूटी का मानव हित में प्रयोग नहीं किया है। यदि कोई उसे लेकर यहां आ जाए तो लखन लाल के जीवन को पुनः जागृत किया जा सकता है। जैसा कि सब जानते हैं, असंभव से प्रतीत होने वाले इस कार्य को श्री हनुमान जी ने अपने पुरुषार्थ के बल पर पूर्ण किया और संजीवनी बूटी के माध्यम से लक्ष्मण जी की जान बचाई जा सकी। इस प्रसंग के लिखने का आशय केवल इतना सा है कि आज मध्य प्रदेश में कांग्रेस की हालत प्राण घातिनी शक्ति से लक्षित श्री लक्ष्मण जी जैसी हो गई है। किसी को सूझ नहीं रहा कि इस पार्टी में कैसे जान फूंकी जाए। ताकि वह पुर्न जागृत होकर जनसाधारण की सेवा के लिए स्वस्थ एवं सक्रिय हो सके। ऐसे में आशा के केंद्र बिंदु केवल और केवल अजय सिंह राहुल भैया ही नजर आते हैं। क्योंकि यह वो शख्सियत हैं जो अवसर मिलने पर काबीना मंत्री के नाते और नेता प्रतिपक्ष रहकर विरोधियों को नाकों चने चबवा चुके हैं। जिसके चलते कांग्रेस के माध्यम से जनहित के कार्य जनसाधारण तक पहुंचते रहे हैं। लेकिन अभी जब कांग्रेस में गुटबाजी चरम पर है। जिन्हें सबसे अधिक सक्रिय रहना चाहिए, आला कमान के कृपा पात्र ऐसे कांग्रेस नेता हाथ पैर हाथ धरे अपने घरों में बैठे हुए हैं। जिन्हें आफत काल में बेहद संयमित रहकर कांग्रेस को स्फूर्तिवान बनाना था, वह भी असंयमित भाषा का प्रयोग कर पार्टी को अधिकतम नुकसान पहुंचने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे। यदि प्रदेश के वर्तमान नेतृत्व की बात करें तो वह जोशीला तो है, लेकिन अनुभव रहित दिखाई देता है। फल स्वरुप कांग्रेस जनता की उतनी सेवा नहीं कर पा रही, जितना जनहित और पार्टी हित में किया जाना बेहद आवश्यक हो चला है। क्योंकि कांग्रेस स्वयं अस्वस्थ, अचेतन और असहाय हो चली है। ऐसे में इस पार्टी के शुभचिंतकों का ध्यान अजय सिंह राहुल भैया की ओर जाता है। क्योंकि उनकी कार्यक्षमता युवाओं के समक्ष स्फूर्तिवान है तो उनका अनुभव कांग्रेस के कद्दावर नेता स्वर्गीय श्री अर्जुन सिंह की चाणक्य नीति का परोक्ष दर्शन करता है। अपने इन्हीं गुणों के चलते अजय सिंह कांग्रेस जनों को पार्टी के लिए संजीवनी बूटी के रूप में दिखाई देते हैं। लेकिन पता नहीं क्यों? कांग्रेसी नेतृत्व इन विपरीत परिस्थितियों में श्री अजय सिंह की खूबियों को नहीं देख पा रहा। नतीजा यह है कि विधानसभा चुनाव हों या फिर लोकसभा का महायुद्ध, हर क्षेत्र में कांग्रेस को केवल और केवल पराजय ही मिल रही है। ऐसे में इस पार्टी को एक सुशेण वैद्य की आवश्यकता है जो इस पार्टी के आला कमान को बता पाए कि लंबे समय तक प्रयोग न किए जाने पर प्रमाणिक आयुर्वेदिक औषधियों का विनाश नहीं होता, उनकी उपचार क्षमताएं प्रभावित नहीं होतीं। अतः विपत्ति काल में इनका प्रयोग किया जाना उचित ही है। अजय सिंह राहुल भैया वाकई में एक ऐसी शख्सियत हैं जो सक्रिय नेता, दायित्ववान पदाधिकारी और विभिन्न मंत्री पदों को सुशोभित करते समय अपनी असीमित क्षमताओं का प्रदर्शन करते रहे हैं। यह भी सत्य है कि जब से कांग्रेस ने अनावश्यक यत्र तत्र प्रयोग किये और कांग्रेस की इस संजीवनी बूटी को नजरअंदाज किया, तब से यह पार्टी लगातार निष्प्रभावी होती दिखाई दे रही है। आज जब अजय सिंह राहुल भैया का जन्मदिन है, तब हजारों लोग उनके पैतृक एवं राजधानी स्थित निवास पर एकत्रित हो रहे हैं। पक्ष और विपक्षी दलों में राजनीति कर रहे उनके प्रशंसक जन्मदिन की शुभकामनाएं दे रहे हैं और उनके उज्जवल भविष्य की कामना कर रहे हैं। तब ऊर्जावान कांग्रेस के कार्यकर्ता यह कामना भी कर रहे हैं कि देर से ही सही, कम से कम अब जब कांग्रेस मरणासन्न अवस्था में है, तब तो पार्टी का आला कमान अजय सिंह जैसी संजीवनी बूटी पर ध्यान देगा ही देगा तथा पार्टी हित में उनका यथासंभव अधिक से अधिक अनुभवों का लाभ लेकर जनहित में कांग्रेस को दोबारा खड़ा करने का उद्यम अवश्य करेगा। फल स्वरुप मध्य प्रदेश की कांग्रेस पुनर्जागृत होकर सत्ता के शीर्ष पर स्थापित होगी और अपनी योग्यता अनुसार जनता की अधिकतम सेवा कर पाएगी। इन्हीं कामनाओं के साथ श्री अजय सिंह राहुल भैया को जन्मदिन की अनंत शुभकामनाएं। उनके हजारों लाखों प्रशंसकों, शुभचिंतकों और समर्थकों को ढेर सारी बधाइयां। सभी की आशाओं के केंद्र बिंदु श्री अजय सिंह राहुल भैया सदैव स्वस्थ और प्रसन्न रहते हुए जन सेवा में संलग्न बने रहें, परमपिता परमात्मा से ऐसी प्रार्थना है।