यूएन में “समिट ऑफ द फ्यूचर” को पीएम मोदी ने किया संबोधित, कहा- वैश्विक संस्थाओं में सुधार जरूरी

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यूएन| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यूएन में समिट ऑफ द फ्यूचर को संबोधित कर रहे हैंं। पीएम मोदी ने कहा कि अभी-अभी भारत में जून में मानव के इतिहास में दुनिया के सबसे बड़े चुनावों में जनता ने हमें तीसरी बार लगातार देश की सेवा का मौका दिया है। आज मैं दुनिया के छठे हिस्से की उसी आवाज को आप तक पहुंचाने के लिए यहां आया हूं। जब हम ग्लोबल फ्यूचर की बात कर रहे हैं तो मानव केंद्रित दृष्टिकोण सबसे प्रथम होना चाहिए। सतत विकास को प्राथमिकता देते हुए हमें मानव कल्याण, भोजन और स्वास्थ्य सुरक्षा भी सुनिश्चित करना होगा। भारत में 250 मिलियन लोगों को गरीबी से बाहर निकालकर हमने दिखाया है। सतत विकास से सफलता संभव है। सफलता के अपने इस अनुभव को हम ग्लोबल साउथ के साथ साझा करने को तैयार हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वैश्विक शांति और विकास के लिए ग्लोबल संस्थाओं में सुधार जरूरी है।

रिफॉर्म इज द की टू रिलेवेंस। अफ्रीकन यूनियन में नई दिल्ली में जी-20 में स्थाई सदस्यता दिलाना इसी दिशा में एक कदम था। वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए एक तरफ आतंकवाद बड़ा खतरा है तो दूसरी तरफ साइबर क्राइम, मैरीटाइम सुरक्षा, स्पेस जैसे अनेक संघर्ष के क्षेत्र बने हैं। इन सभी विषयों पर मैं जोर देकर कहूंगा कि ग्लोबल एक्शन जरूरी है। संयुक्त राष्ट्र में ‘समिट ऑफ द फ्यूचर’ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “प्रौद्योगिकी के सुरक्षित और जिम्मेदार उपयोग के लिए संतुलित विनियमन की आवश्यकता है। हमें ऐसे वैश्विक डिजिटल शासन की आवश्यकता है, जिसमें राष्ट्रीय संप्रभुता और अखंडता अक्षुण्य रहे। डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर एक पुल होनी चाहिए न कि बाधा।”

पीएम मोदी बोले- भारत पूरी दुनिया के लिए काम करता रहेगा

यूएन| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने अमेरिका दौरे में संयुक्त राष्ट्र (यूएन) में ‘समिट ऑफ़ द फ़्यूचर’ कार्यक्रम को संबोधित किया है. पीएम मोदी ने कहा है कि वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए एक तरफ़ आतंकवाद बड़ा ख़तरा है, तो दूसरी तरफ़ साइबर ख़तरे जैसे कई नई चुनौतियां भी हैं. उन्होंने कहा है, “मैं ज़ोर देकर कहूंगा कि वैश्विक कार्रवाई, वैश्विक महत्वाकांक्षा से मेल खाती हुई होनी चाहिए ” पीएम मोदी ने कहा है, “हमें ऐसी ग्लोबल डिजिटल गर्वनेंस चाहिए जिसमें राष्ट्रीय संप्रभुता और अखंडता अक्षुण्ण रहे. डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रचर एक ब्रिज की तरह होना चाहिए न कि अवरोध की तरह.” उन्होंने कहा है कि भारत के लिए वन अर्थ, वन फ़ैमिली और वन फ़्यूचर एक समर्पण है और भारत पूरी दुनिया की समृद्धि के लिए मन, ज़ुबान और कर्म से काम करता रहेगा.

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