मुख्यमंत्री मोहन यादव की मंशा अनुरूप सक्रियता बरतने की जरूरत

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जैसा कि सभी जानते हैं, देशभर में नवरात्र का त्योहार शुरू होने जा रहा है। इसी के साथ माता की भक्ति का ज्वार उठेगा और चारों ओर झांकियां के पंडाल रौनक को दोगुना करने वाले हैं। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने ऐसे में पुलिस और प्रशासन को पूरी तरह सतर्क रहने के निर्देश दिए। कलेक्टर और पुलिस अधीक्षकों के साथ संपन्न हुई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा है कि इस मामले में लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। प्रदेश भर में शांति और अमन चैन का माहौल स्थापित रहे। इसके लिए यदि अतिरिक्त मशक्कत करनी पड़े तो ऐसा करने के लिए पुलिस और प्रशासन को तत्पर रहना होगा। बात सही भी है इन दिनों सामुदायिक स्तर पर छिटपुट तनाव निरंतर देखने को मिल रहे हैं। कहीं राजनीति की आड़ में तो कहीं धार्मिक कार्यक्रमों के दौरान कोई आपत्तिजनक कटाक्ष कर देता है तो कभी-कभी दो समुदायों के लोग आमने-सामने हो जाते हैं। इससे सामाजिक तत्वों का तो बुरा होना ही चाहिए। लेकिन दुख की बात है है कि अपने जीवन यापन में व्यस्त बना हुआ आम आदमी इस तरह की आपत्तिजनक हरकतों की चपेट में आ जाता है। फल स्वरुप कभी-कभी कानून व्यवस्था के लिए चुनौतीपूर्ण स्थिति भी उत्पन्न हो जाती है। इसके लिए आवश्यक है पुलिस और प्रशासन को उन तत्वों पर कड़ी निगरानी रखनी होगी जो अपनी हरकतों के माध्यम से सदैव ही कानून व्यवस्था के लिए चुनौती बने रहते हैं। ऐसा भी नहीं है कि इन्हें पहचाना कोई बड़ा चुनौती पूर्ण कार्य हो। बीट का दरोगा हो अथवा पुलिस का छोटा सा सिपाही, इन सबको मालूम होता है कि जुआ और सट्टे की फंड चलने वाला बदमाश कहां रहता है और किस जगह से अपने अवैध धंधों का संचालन करता है। बात-बात पर दूसरों को भयभीत करने वाले और अपने रुतबे के दम पर हफ्ता वसूली जैसे कार्यों को अंजाम देने वाले बदमाश भी पूरी तरह से पुलिस की निगरानी में बने रहते हैं। यह बात अलग है कि कुछ भ्रष्ट करिंदों से मिली भगत के चलते यह लोग कड़ी कार्रवाई से लगभग बचे ही रहते हैं। लिखने का आशय केवल इतना सा है कि यदि पुलिस प्रशासन कमर कस ले तो उसके लिए कुछ भी असंभव नहीं है। जरूरत केवल इस बात की है कि जमीनी स्तर पर काम करने वाले अमले को ताकीद किया जाए और स्पष्ट तरीके से समझाया जाए कि यदि उनकी लापरवाही अथवा पक्षपात पूर्ण कार्रवाई की वजह से कुछ भी असहज हुआ तो उन्हें भी बख्शा नहीं जाएगा। दावे के साथ लिखा जा सकता है कि जब पुलिस और प्रशासन के आला अधिकारी जिम्मेदारियां तय करना शुरू करेंगे और अप्रिय स्थितियों के लिए जिम्मेदार करिंदों को शंट करना शुरू करेंगे तो फिर स्थित अपने आप सुधारनी शुरू हो जाएगी। अभी तक होता यह है कि जहां पुलिस का भय व्याप्त होना चाहिए, उन गैरकानूनी कार्य स्थलों पर अक्सर कुछ पुलिस वालों का दोस्ताना आवागमन बना रहता है। यदि सरल शब्दों में कहा जाए तो जन धारण यह है कि पुलिस का खौफ केवल शरीफ और संविधान अनुरूप चलने वाले आम आदमी के मन मस्तिष्क तक ही सीमित है। गैर कानूनी कार्यों में संलग्न एक बहुत बड़ा तबका तो खाकी वर्दी के खौफ से लगभग बेफिक्र ही बना रहता है। यही वह लोग हैं जो कभी राजनीति की आड़ लेकर तो कभी सांप्रदायिक मुद्दों को उभार कर आम आदमी के लिए परेशानी का सबब बन जाते हैं। इनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई जब होना होती है, वह किसने देखा है। लेकिन हां यह जब-जब अपनी करतूतों को अंजाम देने में सफल होते हैं, तब तब कानून और व्यवस्था के लिए चुनौती पूर्ण हालात बनते हैं तथा आम आदमी के लिए जीना दुभर हो जाता है। सीधी सी बात है, प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखते हैं। उनका राजनीतिक जीवन भी सड़कों पर अव्यवस्थाओं के खिलाफ संघर्षपूर्ण आंदोलनों के साथ शुरू हुआ है। अतः वह इस बात को भली-भांति जानते हैं कि त्योहारों के अवसर पर पुलिस प्रशासन को किन-किन सावधानियां से बावस्ता होना पड़ता है। उन्हें यह भी पता है कि यदि पुलिस प्रशासन अपनी जानकारी में रहने वाले हर काले पक्ष के प्रति कठोर बना रहे तो फिर त्योहारों का मौसम हो या फिर साधारण चहल-पहल, कोई भी बदमाश जनता के जीवन में खलल पैदा नहीं कर सकता। इसीलिए लेख के शीर्षक में इस भाव को रेखांकित किया गया है कि मध्य प्रदेश में चिरकाल तक शांति स्थापित करने के लिए पुलिस और प्रशासन को मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप सक्रिय बने रहना होगा। शीघ्र ही शुरू होने जा रही नवरात्रि के दौरान सभी लोग भक्ति भाव का बेहद सहज ढंग से आनंद उठा पाएंगे। पुलिस प्रशासन अपनी सतर्कता में कमी नहीं बरतेगा। यही त्यौहार क्यों, हम हर समय शांति और अमन चैन के साथ प्रदेश को विकास के पद पर अग्रसर बनाए रखेंगे। इसी कामना के साथ सभी प्रदेशवासियों को आने वाले नवरात्र पर्व की अग्रिम बधाइयां।

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