मुंबई ने खिताब अपने नाम किया, अजिंक्य रहाणे की कप्तानी में जीती ईरानी ट्रॉफी

क्रिकेट खेल

लखनऊ। पारी में शानदार प्रदर्शन की बदौलत मिली बढ़त के दम पर मुंबई ने ईरानी ट्रॉफी का खिताब अपने नाम कर लिया हैं। 27 साल बाद मुंबई की टीम ने इस टूर्नामेंट को जीता है। साथ ही यह 15वीं बार भी है जब मुंबई ने यह खिताब जीता है। मुंबई की टीम ने आखिरी बार 1997 में ईरानी कप की ट्रॉपी को जीता था। मुंबई और शेष भारत के बीच मुकाबला ड्रॉ रहा। मुंबई ने पहली पारी में 537 रन बनाए थे। शेष भारत की पारी 416 रनों पर सिमट गई। मुंबई ने दूसरी पारी में आठ विकेट पर 329 रन बनाए लिये थे, तभी दोनों कप्तान ड्रॉ पर राजी हो गए। पहली पारी में मुंबई की ओर से सरफराज खान ने 222 रन बनाए थे। मुंबई के युवा आलरांउडर तनुष कोटियान ने आज अपने कल के स्कोर 20 रन से आगे धैर्यपूर्ण शुरुआत की। वह आठवें नंबर पर जब बल्लेबाजी करने के लिए आये उस समय मुंबई 125 के स्कोर पर अपने छह विकेट गवां चूकी थी।

सुबह के सत्र में जल्द ही टीम का स्कोर आठ विकेट पर 171 रन हो गया। इसके बाद भी कोटियान पिच पर जमे रहे। उन्होंने 135 गेंदों पर उन्होंने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में अपना दूसरा शतक पूरा किया। उन्होंने 150 गेंदों पर 10 चौके और आठ छक्के लगाते हुए (नाबाद 114) रन बनाए। इससे पहले उन्होंने अपना पहला प्रथम श्रेणी शतक नंबर-10 पर खेलते हुए बनाया था। पहली पारी में दाेहरा शतक बनाने वाले सरफराज खान दूसरी पारी में विफल रहे और 17 रन पर सारांश जैन ने उन्हें पगबाधा आउट कर पवेलियन भेज दिया। इसके बाद शार्दुल ठाकुर (2) भी सारांश जैन का शिकार बने। आठ विकेट गिरने के बाद बल्लेबाजी करने आये मोहित अवस्थी ने तनुष का बखूबी साथ निभाया और दोनों बल्लेबाजों ने नौंवें विकेट के लिये रिकार्ड 158 रन जोड़े। मोहित अवस्थी ने 93 गेंदों में तीन चौके और एक छक्के की मदद से (नाबाद 51) रन बनाये। शेष भारत की ओर से सारांश जैन ने छह विकेट लिये। मानव सुथार ने दो बल्लेबाजों को आउट किया।

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