स्टॉकहोम। माइक्रो आरएनए की खोज के लिए अमेरिकी वैज्ञानिकों विक्टर एंब्रोस और गैरी रुवकुन को चिकित्सा का नोबेल पुरस्कार प्रदान किये जाने की घोषणा सोमवार को की गई। नोबेल असेंबली ने कहा कि इन वैज्ञानिकों की खोज जीवों के विकास और कार्यप्रणाली के लिए मौलिक रूप से महत्वपूर्ण साबित हो रही है”। नोबेल समिति के महासचिव थॉमस पर्लमैन ने कहा कि एंब्रोस ने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में वह शोध किया जिसके कारण उन्हें यह पुरस्कार दिया जाएगा। वह वर्तमान में यूनिवर्सिटी ऑफ मैसाचुसेट्स मेडिकल स्कूल में प्रकृति विज्ञान के प्रोफेसर हैं। रुवकुन का अनुसंधान मैसाचुसेट्स जनरल हॉस्पिटल और हार्वर्ड मेडिकल स्कूल में किया गया, जहां वह जेनेटिक्स के प्रोफेसर हैं। पर्लमैन ने बताया कि उन्होंने घोषणा से कुछ समय पहले फोन पर रुवकुन से बातचीत की। उन्होंने कहा, ‘‘उन्होंने काफी देर में फोन उठाया और बहुत थके हुए लग रहे थे, लेकिन जब उन्हें समझ आया कि किस बारे में बात हो रही है तो वह बहुत उत्साहित और प्रसन्न हुए।’’
पिछले वर्ष, ‘फिजियोलॉजी’ या चिकित्सा के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार हंगरियाई-अमेरिकी नागरिक कैटालिन कारिको और अमेरिकी नागरिक ड्रू वीसमैन को उन खोजों के लिए दिया गया था, जिन्होंने कोविड-19 के खिलाफ एमआरएनए टीके विकसित करने में मदद की। चिकित्सा क्षेत्र में अब तक कुल 227 विजेताओं को नोबेल पुरस्कार दिया गया है जिनमें से केवल 13 महिलाओं को यह पुरस्कार मिला है। यह पुरस्कार जीतने वाले को एक करोड़ 10 लाख स्वीडिश क्रोना (करीब 10 लाख अमेरिकी डॉलर) दिए जाते हैं। यह पुरस्कार स्वीडन के वैज्ञानिक अल्फ्रेड नोबेल के नाम पर दिया जाता है। पुरस्कार विजेताओं को नोबेल की पुण्यतिथि 10 दिसंबर को आयोजित समारोह में पुरस्कार प्रदान करने के लिए आमंत्रित किया जाता है। चिकित्सा क्षेत्र के अलावा मंगलवार को भौतिकी, बुधवार को रसायन विज्ञान और बृहस्पतिवार को साहित्य के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार विजेताओं की घोषणा की जाएगी। शांति के लिए नोबेल पुरस्कार की घोषणा शुक्रवार को और अर्थशास्त्र के लिए यह घोषणा 14 अक्टूबर को की जाएगी।