महेश्वर| खरगोन जिले के महेश्वर में मां अहिल्या के 300वीं जयंती महोत्सव एवं विजयादशमी पर शनिवार को मल्हारगंज जीनिंग में मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने जिले को 83 करोड़ 20 लाख रुपये की सौगातें दीं और कई घोषणाएं भी कीं। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार मां अहिल्या के एक-एक कदम पर चलने को तत्पर है। मां अहिल्या ने जातिवाद का विरोध किया। आदिवासियों को जमीनें दीं और कुएं खुदवाए। शासन के साथ भागीदार बनाया।
मां अहिल्या ने कराए कई विकास कार्य
सीएम ने कहा, वह न्याय की देवी थीं और जनता को ही अपना परिवार मानती थीं। महेश्वरी साड़ियों के लिए बुनकरों को हैदराबाद, गुजरात व औरंगाबाद से लाईं। सनातन धर्म के लिए उनका बड़ा योगदान है। बनारस-काशी, उज्जैन महाकाल, केदरानाथ, बद्रीनाथ आदि जगह अहिल्या मां ने निर्माण कार्य करवाए। उन्होंने कोई देवस्थान नहीं छोड़ा है, जहां कार्य नहीं किए। नारी सेना बनाई। मुख्यमंत्री डा. यादव ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने अहमदनगर को अहिल्यानगर किया है, क्योंकि मां अहिल्या का 300 साल पहले चौंडी जिले में जन्म हुआ था। प्रदेश सरकार ने भी निर्णय लिया कि महोत्सव को धूमधाम से मनाया जाएगा। इसके पूर्व मुख्यमंत्री ने शस्त्र पूजन किया।
महेश्वर में अहिल्या लोक व टेक्सटाइल उद्योग बनेगा
विधायक राजकुमार मेव ने महेश्वर को जिला बनाने की मांग की। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि परिसीमन विभाग बना दिया है। इसमें कार्य होंगे। मुख्यमंत्री ने मंच से सामुदायिक भवन का उन्नयन कर सिविल अस्पताल, महेश्वर को टेक्सटाइल, मंडलेश्वर महाविद्यालय का नाम महर्षि मंडल मिश्र के नाम, औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने, अहिल्या लोक बनाने के साथ ही सड़क, नाली निर्माण जैसे विकास कार्यों की मांग को पूरा करते हुए इनकी घोषणा की। उन्होंने कहा कि मकर संक्रांति पर कैबिनेट की बैठक महेश्वर में होगी। खरगोन वैभव पुस्तिका का विमोचन किया। सांसद गजेंद्र सिंह पटेल, राज्यसभा सदस्य डा. सुमेर सिंह सोलंकी, विधायक सचिन बिरला आदि मौजूद थे। सभा के बाद वे मां भागवत रेवा गोशाला पहुंचे और गोपूजन किया।
मां अहिल्या की तलवार का पूजन किया
कार्यक्रम के पूर्व मुख्यमंत्री नर्मदा तट पर स्थित किले पहुंचे। यहां देवी अहिल्या के वंशज यशवंतराव होलकर तृतीय ने उनका परंपरागत रूप से स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने मां अहिल्या गादी के दर्शन किए और तलवार का पूजन किया। यह तलवार मां अहिल्या स्वयं धारण करती थीं। राम मंदिर का विरोध करने वालों का हश्र बुरा हुआ मुख्यमंत्री डा. यादव ने कहा कि पुरानी सर कार की बाधाओं के बावजूद सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण हुआ है। हिंदू-मुसलमान और सभी संप्रदायों ने इस फैसले का स्वागत किया। समूचा विश्व हैरान रह गया कि कहीं भी दंगा तो छोड़ो एक पत्थर भी नहीं चला। यहां तक कि मुकदमा लड़ने वाले मुस्लिम बंधु भी आयोजन का हिस्सा बने लेकिन दुर्भाग्य के साथ कहना पड़ रहा है कि अभी भी कुछ लोग ऐसे हैं, जिन्हें मंदिर अटकता और खटकता है। उनका हश्र भी बुरा हो रहा है।