भोपाल| मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव विजयादशमी पर भोपाल के कोलार और छोला दशहरा मैदान में आयोजित “दशहरा उत्सव” में शामिल हुए. कोलार में सबसे ऊंचे 105 फीट के रावण का दहन किया गया. बता दें कि राजधानी में शनिवार को विजयादशमी पर्व उत्साह व उल्लास से मना. बाजारों में सुबह आठ बजे से ही फूलों, पूजन सामग्री, मिठाइयों की दुकानें सज गई थीं. भगवान श्रीराम के विजय चल समारोह निकाले गए. श्रीराम, लक्ष्मण बने पात्रों का पूजन किया गया. शाम छह से रात 10 बजे के बीच पुराने शहर के छोला सहित 18 से अधिक स्थानों पर रावण, मेघनाद, कुंभकर्ण के पुतलों पर राम, लक्ष्मण बने पात्रों ने पुतलों पर धनुष से बाण छोड़े. चंद मिनटों में तीनों के पुतले जल गए, रावण का घमंड चकनाचूर हो गया.
छोला में 55 फीट के रावण ऊंचे रावण का दहन
छोला दशहरा मैदान में 55 फीट ऊंचे रावण का दहन किया गया. कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव शामिल हुए. दोपहर में बांके बिहारी मंदिर में श्रीराम का तिलक हुआ. चल समारोह में एक चलित रावण का पुतला भी शामिल था जो अट्टहास कर रहा था. श्री हिंदू उत्सव समिति के अध्यक्ष संतोष साहू ने बताया कि, ”भगवान राम ने बाण चलाकर रावण का वध किया. इस अवसर पर भजनों की प्रस्तुति दी गई.”
टीटी नगर में रावण की आंखों से निकले अंगारें
नागरिक कल्याण समिति की ओर से टीटी नगर दशहरा मैदान में 55 फीट रावण के साथ 45 फीट के मेघनांद और कुंभकर्ण के पुतलों का दहन हुआ. समिति के समन्वयक अजय श्रीवास्तव नीलू, स्वागत अध्यक्ष वात्स्यायन सोनू भाभा और सचिव मनीष व्योहार ने जानकारी देते हुए बताया कि, ”रावण दहन के बाद यहां आतिशबाजों ने तकरीबन एक घंटे तक आतिशबाजी का प्रदर्शन किया. रावण के पुतले में इलेक्ट्रानिक आइट्म्स फिट किए गए. रावण की आंखों से लाइट निकली. इस अवसर पर समाजसेवी, चिकित्सक और समाजसेवी संगठनों का सम्मान किया गया.”
”महाकाल की गुलामी मेरे काम आ रही है”
इधर भेल जंबूरी मैदान में 55 फीट रावण के पुतले के साथ 50 फीट के मेघनाद और कुंभकर्ण का दहन किया गया. इसके पहले किशन भगत ने ”महाकाल की गुलामी मेरे काम आ रही है”, सहित अन्य भजनों भजनों की प्रस्तुति दी. समिति के अध्यक्ष सुनील यादव ने बताया कि पहली बार रावण दहन का आयोजन किया. बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए. सभी ने रावण दहन के बाद अतिशबाजी देखने का आनंद उठाया.