नई दिल्ली| गुजरात के गिर सोमनाथ बुलडोजर एक्शन के मामले में शक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान शीर्ष अदालत ने कोई भी आदेश पारित करने से इनकार कर दिया। शीर्ष अदालत ने कहा कि यह सरकारी जमीन है। गुजरात सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि वह फिलहाल ज़मीन को अपने पास ही रखेगी। इसे अभी किसी तीसरे पक्ष को नहीं दिया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने इस बयान को रिकॉर्ड पर लेते हुए कहा कि मामले में किसी अंतरिम आदेश की जरूरत नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जो याचिकाएं गुजरात हाई कोर्ट में लंबित हैं, हाई कोर्ट उन पर सुनवाई जारी रखे। गिर सोमनाथ प्रशासन ने 28 सितंबर को मुस्लिमों के कुछ पूजा स्थलों, घरों और कब्रों पर बुलडोजर चला दिया था। इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अवमानना याचिका दायर की गई है।
न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने पाया कि अंतरिम आदेश पारित करना अनावश्यक था, क्योंकि गुजरात सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल (एसजी) तुषार मेहता ने न्यायालय को आश्वासन दिया था कि भूमि सरकार के पास रहेगी और अगले आदेश तक किसी तीसरे पक्ष को आवंटित नहीं की जाएगी। न्यायालय ने कहा, एसजी ने कहा है कि अगले आदेश तक भूमि का कब्जा सरकार के पास रहेगा और किसी तीसरे पक्ष को आवंटित नहीं किया जाएगा। इस प्रकाश में, हमें कोई अंतरिम आदेश पारित करना आवश्यक नहीं लगता। हम आगे स्पष्ट करते हैं कि वर्तमान एसएलपी के लंबित रहने को कार्यवाही पर रोक के रूप में नहीं माना जाना चाहिए और उच्च न्यायालय मामले को जारी रख सकता है।