मध्य प्रदेश शासन द्वारा बिजली चोरी रोकने की घटनाओं के लिए किये जा रहे प्रयास सराहना के पात्र बन रहे हैं। उल्लेखनीय है कि प्रदेश भर में बिजली चोरी की घटनाएं अब आम हो चली हैं। आर्थिक और सामाजिक रूप से पिछड़ी बस्तियां हो या फिर औद्योगिक क्षेत्र, विभिन्न इलाकों में भारी पैमाने पर बिजली चोरी किए जाने की घटनाएं सामने आती रहती हैं। इसमें कोई शक नहीं कि जिस तरह के मामले देखने को मिलते हैं उनसे स्पष्ट हो जाता है कि यह सब विभागीय कारिंदों की मिली भगत के बगैर संभव नहीं। इसके बावजूद बिजली चोरी की घटनाएं सामने आ रही हैं तो स्पष्ट हो जाता है कि बिजली चोरों को राजनेताओं और विभागीय भ्रष्ट कर्मचारियों अधिकारियों का संरक्षण प्राप्त है। ऐसा नहीं है कि सरकार द्वारा बिजली चोरी रोकने के प्रयास नहीं किए गए। समय-समय पर वरिष्ठ अधिकारियों को इसके लिए फटकार भी लगाई गई। जमीनी स्तर पर इस अपराध को रोकने के लिए अनेक प्रयास भी किए गए। लेकिन नतीजे वैसे नहीं मिले जिस पैमाने पर सफलता की संभावनाएं तलाशी जा रही थीं। अभी तक जो अनुभव सामने आए, उनके अनुसार छोटे-छोटे क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि बिजली चोरों को बचाने का काम अपने सियासी फायदे के लिए करते रहे हैं। जब कभी भी विभाग द्वारा बिजली चोरी के खिलाफ अभियान छेड़ा गया, तब तब कार्रवाई करने वालों को छुटभैया जनप्रतिनिधियों द्वारा आंखें दिखाई गईं और उन पर यह आरोप लगाए गए कि तुम्हें कार्रवाई करने के लिए केवल हमारे ही आदमी क्यों दिखते हैं? इन सभी विषमताओं से लड़ते-लड़ते अब विभाग जब थकने की स्थिति में आ गया है, तब मध्य प्रदेश शासन ने बिजली चोरी रोकने के लिए तकनीकी सहारा लेने का मन बनाया है। अब विभाग की ओर से निर्णय लिया जा चुका है कि विद्युत कनेक्शन घरेलू हो अथवा कमर्शियल, अब डायरेक्ट हाई वोल्टेज लाइन से उपभोक्ता को आपूर्ति दी जाएगी। बता दें कि अब यह हाई वोल्टेज लाइन 440 वाट की लो टेंशन लाइन की बजाय 11 केव्ही लाइन से की जाएगी। अब सवाल यह उठाए जा रहे हैं कि जब हाई वोल्टेज लाइन से डायरेक्ट आपूर्ति मिलेगी तो लो वोल्टेज के विद्युत उपकरण हाई वोल्टेज विद्युत आपूर्ति से सुरक्षित कैसे बचेंगे। इस बारे में विद्युत मंडल के तकनीकी विशेषज्ञों का कहना है कि इस कार्य के लिए विद्युत आपूर्ति पॉइंट पर स्टेप डाउन ट्रांसफार्मर का प्रयोग किया जाएगा। यह ट्रांसफार्मर बिजली के लोड को मांग के अनुसार कम करके उपभोक्ता के यहां पहुंचा देगा। लेकिन कोई बिजली चोरी की मंशा से डायरेक्ट विद्युत लाइन पर तार डालने का प्रयास करेगा तो उसे भारी नुकसान का सामना करना पड़ेगा। संभव है बिजली चोरी करने वाले व्यक्ति के घर के अधिकांश विद्युत उपकरण बेकार हो जाएं। फल स्वरुप बिजली चोरी करने वाले लोग हाई वोल्टेज लाइन पर डायरेक्ट तार डालने से बचेंगे और विभागीय अमले को भी बिजली चोरी के प्रकरण बनाने के लिए तनाव युक्त माहौल का सामना नहीं करना पड़ेगा। चिंताजनक बात यह है कि बिजली चोरी को अपना अधिकार समझ चुके मुट्ठी भर लोग और उन्हें संरक्षण देने वाले नेतागण अब इस नई व्यवस्था की काट निकलने में जुट गए हैं। आशंका व्यक्त की जा रही है कि सरकार और संबंधित विभाग के सामने भारी जन धन हानि की आशंकाओं को सामने रखा जा सकता है। खबरें मिल रही हैं कि सरकार और विद्युत विभाग के सामने यह आपत्ति रखने की तैयारी की जा रही है कि यदि जानकारी के अभाव में किसी व्यक्ति ने हाई वोल्टेज लाइन पर डायरेक्ट तार डाल दिया तो उसके प्राण संकट में पड़ सकते हैं। यहां तक कि बिजली चोरी करने वाले व्यक्ति का परिवार और उसका घर भी अनिष्ट की चपेट में आ सकता है। कुतर्क यह भी दिए जाने की तैयारी है कि बिजली चोरी जैसे सामान्य अपराध को रोकने का यह जानलेवा प्रयास कुछ ज्यादा ही सख्त दिखाई दे रहा है। अतः सरकार पर दबाव डालने की पूरी तैयारी है और प्रयास किया जा रहे हैं कि हाई वोल्टेज लाइन से डायरेक्ट विद्युत आपूर्ति का निर्णय वापस लिया जाए। विद्युत विभाग और मध्य प्रदेश शासन को इन आपत्तियों का सामना करने के लिए पूरी तैयारी करने की आवश्यकता है। क्योंकि जो योजना सामने लाई जा रही है, इस तकनीक पर कई सालों से विचार विमर्श हो रहा है। अनेक जानकार भी इस नई विद्युत आपूर्ति तकनीक के बारे में सरकार एवं विद्युत विभाग को मशविरा देते रहे हैं। अतः सरकार को चाहिए कि वह पूरे मनोयोग के साथ इस कार्रवाई को आगे बढ़ाए और जो क्षेत्र विद्युत चोरी के लिए पूर्व से ही चिन्हित है उन्हें प्राथमिकता से ध्यान में रखते हुए इस बाबत जागरूक किया जाए कि अब विद्युत चोरी किया जाना उनके लिए कम से कम फायदेमंद तो नहीं रहेगा। इससे उन्हें जान माल का नुकसान भी हो सकता है। इस जागरूकता के बाद भी यदि कोई विद्युत चोरी करता है तो फिर उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने और आपराधिक मामला पंजीबद्ध करने जैसे निर्णायक कदम उठाए जा सकते हैं। इससे विद्युत चोरों को नए-नए बहाने बनाने का मौका नहीं मिलेगा। वहीं बिजली चोरी की घटनाओं पर निर्णायक रोक लगाई जा सकेगी। जाहिर है इस कार्रवाई से उन ईमानदार विद्युत उपभोक्ताओं को भी राहत मिलेगी, जिन पर विद्युत चोरी से पैदा होने वाले नुकसान का अनचाहा भार आर्थिक रूप से पड़ता रहता है। इसलिए ईमानदार विद्युत उपभोक्ताओं को सरकार और विद्युत विभाग की इस नई तकनीकी और विद्युत आपूर्ति योजना को पूरी ताकत से समर्थन देना चाहिए।