मध्य प्रदेश की डॉक्टर मोहन यादव सरकार ने पूरे सूबे में औद्योगिक साम्राज्य स्थापित करने का एक आंदोलन सा छेड़ रखा है। यही वजह है कि प्रांत के लगभग हर क्षेत्र में इंडस्ट्रियल रीजनल कान्क्लेव संपन्न हो चुके हैं और इनमें अरबों खरबों रुपए के औद्योगिक निवेश संबंधी प्रस्ताव सरकार की झोली में आ गए हैं। उम्मीद की जा रही है कि यह पूरे प्रस्ताव यथावत जमीन पर स्थापित होते हैं तो इस प्रदेश के लाखों युवाओं को रोजगार मिलने वाला है। वहीं देश का हृदय स्थल भारत का इंडस्ट्रियल हब बनने की ओर अग्रसर होने जा रहा है। जैसा कि हम सभी जानते हैं, जब से डॉक्टर मोहन यादव ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है, तब से उन्होंने मालवा के उज्जैन में, महाकौशल प्रदेश के जबलपुर में, बुंदेलखंड के सागर में, चंबल क्षेत्र के ग्वालियर में और अब विंध्य क्षेत्र के रीवा में इंडस्ट्रियल रीजनल कांक्लेव संपन्न करा दिये हैं। हर क्षेत्र में और हर कॉन्क्लेव में सरकार को देसी विदेशी उद्योगपतियों की ओर से अच्छा खासा प्रतिसाद हासिल हुआ है। यदि दिवाली के लिहाज से बात की जाए तो इसे त्यौहारी मौसम में धन वर्षा के रूप में प्रतिपादित किया जा सकता है। देखने में आ रहा है कि जैसे-जैसे दीपावली नजदीक आ रही है, खेतों से खलिहानों तक और मंडियों से बाजारों तक मानो धन की वर्षा हो रही है। इसी प्रकार इंडस्ट्रियल रीजनल कांक्लेव सरकारी खजाने पर धन बरसाते दिखाई दे रहे हैं। अच्छी बात यह है कि मध्य प्रदेश सरकार को उद्योगपतियों की ओर से निवेश के जितने भी प्रस्ताव मिले हैं, वह पूरे प्रदेश को उद्योगों से अच्छादित करते दिखाई देते हैं। मालवा, महाकौशल, चंबल, विंध्य और मध्य भारत, सभी क्षेत्रों में उद्योगपतियों ने निवेश करने की इच्छा जाहिर की है। इससे प्रदेश सरकार का खजाना तो भरेगा ही, स्थानीय लोगों को रोजगार भी प्राप्त होगा। खासकर युवाओं को लाखों की तादाद में नौकरियां मिलने की सूरत भी बनेगी। मध्य प्रदेश में तेजी से बन रहे इस माहौल को औद्योगिक दिवाली का नाम भी दिया जा सकता है। अभी तक जारी कार्य पद्धति पर गौर करें तो सरकार ने जो प्रयास किये उनके परिणाम बेहतर आए। उद्योगपतियों से जो अपेक्षा की गई उनके अनुसार बहुत अच्छा परिणाम निवेश प्रस्तावों के रूप में सरकार को प्राप्त हुआ। अब गेंद सरकार के पाले में है। शासन की कमान संभाल रहे मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव और उनके आला अफसर की जिम्मेदारी है कि प्रदेश भर में प्राप्त हुए निवेश प्रस्तावों की मॉनिटरिंग निरंतर बनी रहे। क्योंकि अब तक के अनुभव इस बारे में ठीक नहीं रहे हैं। अनेक सरकारों ने कान्क्लेव आयोजित तो किये लेकिन उनमें प्राप्त निवेश प्रस्तावों को पूरी तरह से धरती पर नहीं उतरा जा सका। फल स्वरुप तत्कालीन सरकारों ने जितनी स्वयं की पीठ थपथपाई, उससे ज्यादा उन्हें विपक्षी आलोचनाओं का शिकार बनना पड़ गया। उम्मीद की जाती है कि डॉक्टर मोहन यादव की संवेदनशील सरकार इस गलती को नहीं दोहराएगी। जितने भी प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, उनके प्रतिनिधियों से जीवंत संपर्क बने रहने की अपेक्षा है। प्रस्तावों में सरकार से उद्योगपतियों ने कौन-कौन सी अपेक्षाएं दस्तावेजों के माध्यम से व्यक्त की हैं, उन्हें विधि सम्मत तरीकों से पूर्ण किया जाना आवश्यक है। सबसे महत्वपूर्ण सहयोग सरकार की ओर से यही अपेक्षित रहता है कि वह भविष्य के उद्योगों के लिए बेहद आसान तरीके से और सीमित समय में जमीन, विद्युत कनेक्शन, पानी की आपूर्ति और आवागमन के साधन उपलब्ध करा दे। शेष कार्य अपने आप गति पकड़ लेते हैं और उन्हें पूरा करने में उद्योगपतियों को आसानी हो जाती है। उम्मीद की जानी चाहिए कि सरकार और सरकार में बैठे आला अधिकारी 1.82 लाख करोड़ के निवेशों को करीने से मूर्त रूप देने का काम करेंगे। क्योंकि इन कार्यों पर न केवल प्रदेश का औद्योगिक भविष्य निर्भर है, बल्कि इनसे लाखों युवाओं को रोजगार एवं नौकरियों की आस बंधी हुई है। जितने भी निवेशकों के प्रस्ताव अभी तक प्राप्त हुए हैं, यदि वे नियत समय में साकार होते हैं, तो इसे मध्य प्रदेश सरकार की बड़ी उपलब्धि माना जाएगा। क्योंकि तरक्की के यह मानक उस समय गढ़े जा रहे हैं जब मध्य प्रदेश में फिलहाल किसी भी प्रकार के चुनाव सामने नहीं हैं। फल स्वरुप विपक्ष इन कार्यक्रमों को कम से कम फिलहाल तो चुनावी जुमलेबाजी करार नहीं दे पाएगा। सबसे बड़ी उपलब्धि ये होगी कि मध्य प्रदेश की सत्ता पर लगातार दो दशकों तक अपना एकाधिकार बनाए रखने वाली भारतीय जनता पार्टी को युवाओं का विश्वास जीतने में भारी भरकम कामयाबी प्राप्त होने वाली है। यह परिदृश्य सत्ताधारी पार्टी के लिए शुभ लक्षण ही है। अतः कामना यही है की जाती है कि सरकारी मशीनरी पूरी उदारता के साथ मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के औद्योगिक सपने को साकार करने में जमीन आसमान एक कर देगी। इससे पूरे प्रदेश में खुशहाली की फुलझड़ियां तो जलेंगी ही, विकास के दीपक भी दैदीप्यमान होंगे। यह दिवाली मध्य प्रदेश की सरकार और मध्य प्रदेश के युवाओं के लिए लाभदायक और रोजगार देने वाली सिद्ध हो, ऐसी शुभकामनाएं।