उदयपुर| उदयपुर की एक अदालत ने 9 वर्षीय मासूम बच्ची के साथ रेप और फिर उसकी निर्मम हत्या के मामले में मुजरिम को फांसी की सजा सुनाई है। साथ ही अदालत ने मुजरिम के माता-पिता को भी 4-4 साल की सजा का ऐलान किया है। बताया जा रहा है कि कोर्ट ने मां-बाप को सबूत मिटाने के जुर्म में सजा सुनाई है। मुजरिम कमलेश पर आरोप था कि उसने पिछले साल मार्च महीने में एक 9 वर्ष की बच्ची के साथ रेप किया और फिर उसकी हत्या करके उसके शरीर के 10 टुकड़े किए थे। इसके बाद उसने इन टुकड़ों को बोरे में डालकर खंडहर में छुपा दिया था। इस दौरान उसके मां-बाप भी उसके साथ थे। सोमवार को उदयपुर की पोक्सो कोर्ट 2 ने फैसला सुनाते हुए आरोपी कमलेश को मुजरिम करार देते हुए फांसी की सजा सुना दी है। हालांकि उसने अदालत में पहले ही जमानत याचिका दाखिल की हुई थी, जिसपर अदालत ने उसे जमानत भी दे दी है।
खबरों में दावा किया जा रहा है कि दोषी ने कोर्ट के बाहर कहा है कि वो पूरी तरह निर्दोष है, उसने सिर्फ मां-बाप को बचाने के लिए यह जुर्म अपने सिर पर लिया है. उसने कहा कि मुझपर दबाव बनाया गया था, जिसके बाद मैंने यह जुर्म अपने ऊपर लिया है। मुजरिम कमलेश ने यह भी कहा कि वो इस फैसले को हाई कोर्ट में अपील करेगा। मुजरिम कमलेश पर बच्ची को चॉकलेट देने के बहाने अपने जाल में फंसाने का आरोप था। चॉकलेट के बहाने बुलाने के बाद उसने बच्ची के साथ रेप किया और फिर उसका कत्ल कर दिया था। कमलेश ने बच्ची के जिस्म के हाथ-पैर-धड़ और सिर को अलग-अलग करने के बाद बोरे में डालकर घर से करीब 200 मीटर दूर एक खंडहर में फेंक आया था। कहा जा रहा है कि आरोपी घर पर अकेला था और मोबाइल में अश्लील फिल्में देख रहा था। इसी दौरान उसे ये बच्ची दिखाई देती है। जिसके बाद वो उसे चॉकलेट का लालच देकर अपने पास बुला कर अपनी हवस का शिकार बना लेता है। इतना ही नहीं बच्ची जब चिल्ला रही थी तो उसने उसके मुंह में कपड़ा ठूंस दिया था।
कमलेश ने अपने नापाक इरादों को अंजाम तक पहुंचा दिया तो बच्ची को उठाने की कोशिश करने लगा लेकिन बच्ची उठने लायक हालत में नहीं थी। क्योंकि बच्ची की मौत हो चुकी थी। जिसके बाद उसने बाथरूम के अंदर ही छुरी और पत्थर की मदद से बच्ची की लाश के 10 टुकड़े कर अलग-अलग पॉलिथीन में भरकर रख दिया। जब मुजरिम के माता-पिता को इस बारे में पता चला तो तीनों ने बच्ची के टुकड़ों को घर से दूर एक खंडहर में फेंक दिया। दावा किया जा रहा है कि जिस बच्ची के साथ कमलेश ने दरिंदगी की थी वो उसको भैया कहकर बुलाती थी और रक्षाबंधन पर राखी भी बांधती थी। बच्ची की तलाश में जुटे परिवार ने 29 मार्च को इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में उन्होंने लिखवाया था कि बच्ची 4 बजे स्कूल से आने के बाद ड्रेस बदलती और कहती है कि वो ताऊ जी के पास जा रही है। हालांकि बहुत देर हो जाने के बाद भी बच्ची वापस नहीं लौटी। शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने डॉग स्क्वॉड की मदद से तलाशी मुहिम शुरू कर दी और 1 अप्रैल को बच्ची का शव खंडहर से टुकड़ों की हालत में बरामद हुआ था।