बैकुंठपुर, कोरीया। गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान अंतर्गत भरतपुर-सोनहत वन परिक्षेत्र में बाघ का शव मिलने से वन विभाग में हडक़ंप मच गया है। नदी की ओर गए ग्रामीणों की नजर अचानक बाघ पर पड़ी तो पहले वे घबरा गए। बाद में जब पता चला कि बाघ मरा हुआ है तो उनकी जान में जान आई। इसकी सूचना ग्रामीणों ने वन विभाग को दी। सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम मौके पर पहुंच चुकी है। बाघ की मौत किन परिस्थितियों में और कैसे हुई है? इसका पता फिलहाल नहीं चल सका है। गुरु घासीदास नेशनल पार्क में टाइगर रिजर्व फॉरेस्ट भी प्रस्तावित है।
यहां आए दिन बाघों की आमदरफ्त होती रहती है। इसी बीच शुक्रवार की दोपहर उद्यान क्षेत्र के भरतपुर व सोनहत सीमा क्षेत्र से लगे देवशील कटवार के पास नदी के किनारे रेत में बाघ का शव मिलने से हडक़ंप मच गया है। सोहनत क्षेत्र के ग्रामीणों ने बाघ का शव देख इसकी सूचना तत्काल वन विभाग को दी। सूचना मिलते ही राष्ट्रीय उद्यान के अधिकारी-कर्मचारी विशेषज्ञों व डॉक्टरों की टीम के मौके पर पहुंच चुके हैं। बाघ की मौत कैसे हुई है, इसका पता फिलहाल नहीं चल सका है। मौके से बाघ को लाने की तैयारी चल रही है।
कुछ दिन पूर्व ही देखा गया था बाघ
हम आपको बता दें कि 10 दिन पूर्व ही बैकुंठपुर वन परिक्षेत्र में एक बाघ विचरण करते देखा गया था। उसने दो भैसों का शिकार किया था। एक भैंस का मांस भी वह खाते हुए वन विभाग के ट्रैप कैमरे में कैद हुआ था।