भोपाल। प्रदेश में बुधनी और विजयपुर विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए हुए मतदान के अगले दिन गुरुवार को कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी ने भोपाल में प्रेस कांफ्रेंस की, जिसमें उन्होंने भाजपा और सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि विजयपुर और बुधनी में प्रशासन भाजपा के इशारे पर काम करता नजर आया है। इस दौरान कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष मुकेश नायक, राजीव सिंह, भूपेंद्र गुप्ता, मिथुन अहिरवार शैलेंद्र पटेल, अपराजिता पांडे मौजूद थे।
आदिवासियों-दलितों को वोट डालने से रोका
पटवारी ने कहा कि बुधनी और विजयपुर में उपचुनाव को लेकर हमने जो भी आशंकाएं व्यक्त की, वे सभी साबित हुई है। भाजपा ने लोकतंत्र की हत्या की है। हमने लगभग 100 शिकायतें निर्वाचन आयोग से कीं। लेकिन निर्वाचन आयोग ने कोई कार्रवाई नहीं की। हथियारबंद लोग विजयपुर में खुलेआम घूमते रहे। प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की। आदिवासियों को वोट नहीं डालने दिया। आदिवासी गांवों में मतदाता पर्ची नहीं बांटीं। जाटव समाज के लोगों के घर में रात को आग लगा दी। बाबा साहब अंबेडकर की मूर्ति तोड़ी। खेत में खड़ी फसल को जला दिया।
लोकतंत्र-विरोधी है भाजपा
पीसीसी चीफ ने कहा कि भाजपा के दो दशकों के कुशासन ने एक ऐसा मध्य प्रदेश बनाया है, जहां नफरत और हिंसा लोकतंत्र को कमजोर कर रही है। भाजपा के लोग मदमस्त हाथी हो चुके हैं। भाजपा बाबासाहब आंबेडकर, लोकतंत्र और मताधिकार की विरोधी है। कांग्रेस पार्टी भाजपा की दलित विरोधी और आदिवासी विरोधी मानसिकता के विरुद्ध प्रदेशव्यापी आंदोलन करेगी।
विजयपुर में जीत का दावा
जीतू पटवारी ने आगे कहा कि हमने विजयपुर में 37 मतदान केंद्रों पर पुनर्मतदान की मांग की है। स्क्रूटनी में हमने आवेदन दे दिया। हम प्रदेश निर्वाचन आयोग को भी पुनर्मतदान को लेकर पत्र भेज रहे हैं। उन्होंने विजयपुर में जीत का दावा करते हुए कहा कि हमें 50000 वोटों से जीतने की संभावना थी। लेकिन अभी भी हम विजयपुर में 25000 से ऊपर जीतेंगे|
सौ शिकायतें कीं, एक पर भी एक्शन नहीं
पटवारी ने निर्वाचन आयोग के रवैये की निंदा करते हुए कहा कि हमने सौ शिकायतें की। लेकिन एक भी शिकायत पर एक्शन नहीं हुआ। विजयपुर विधानसभा क्षेत्र में जाति विशेष के लोगों को बीएलओ बनाने की पहली शिकायत की थी। इसके बाद अति संवेदनशील बूथ बनाने को लेकर शिकायत की थी कि जहां गड़बड़ हो सकती है। जीतू ने कहा कि हमने सभी पोलिंग बूथों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने की मांग की थी। चुनाव ड्यूटी में लगे तमाम अधिकारी और बड़े-छोटे कर्मचारी और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता भी भाजपा के एजेंट की तरह काम कर रहे थे। हकीकत यह है कि पूरा प्रशासन भाजपा के इशारे पर काम कर रहा था। निर्वाचन आयोग ने हमारी शिकायत पर ध्यान नहीं दिया। गंभीर शिकायतों पर भी कोई एक्शन नहीं लिया गया।