नई दिल्ली| यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन ने छात्रों को सुविधा प्रदान की है। यूजीसी ने ग्रेजुएशन प्रोग्राम को और आसान बना दिया है। जिस कारण छात्र दो या ढ़ाई साल में ग्रेजुएशन कर सकते है। यूजीसी चेयरमैन एम.जगदीश कुमार ने कहा कि कोई भी स्टूडेंट अपने सिलेबस का टाइम ड्यूरेशन अब घटा-बढ़ा सकता है। ग्रेजुएशन डिग्री प्रोग्राम जो 3 से 4 साल का होता है, उसे स्टूडेंट्स घटाकर दो-ढाई साल का भी कर सकते हैं। इसके साथ ही कमजोर स्टूडेंट्स अपने ग्रेजुएशन प्रोग्राम का समय बढ़ाकर 5 साल तक कर सकते हैं। यूजीसी चेयरमैन नेशनल एजुकेशन पॉलिसी पर ऑटोनॉमस कॉलेजों के लिए साउथ जोन समिट के मौके पर आईआईटी-मद्रास पहुंचे थे। यहां उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि आईआईटी-मद्रास के डायरेक्टर वी कामाकोटी ने एक नई स्कीम का सुझाव दिया था और इसे यूजीसी ने मंजूरी दे दी है। इससे पहले कार्यक्रम के उद्घाटन के मौके पर यूजीसी चेयरमैन ने कहा कि ऑटोनॉमस कॉलेज और इंस्टीट्यूट कम्युनिकेशन के लिए इंग्लिश का इस्तेमाल करते हुए पढ़ाई का माध्यम मातृभाषा रखें। इससे ग्रामीण क्षेत्रों के स्टूडेंट्स को मदद मिलेगी और सीखने का बेहतर मौका मिलेगा।
डिग्री के बीच भी ले सकते हैं ब्रेक
डिग्री के बीच ब्रेक भी ले सकते हैं स्टूडेंट्स इससे पहले राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत यूजीसी डिग्री के बीच में ब्रेक लेने का ऑप्शन भी स्टूडेंट्स के लिए ला चुका है। अगर कोई स्टूडेंट चाहे तो वह कोर्स से ब्रेक ले सकता है और बाद में वापस आकर इसे पूरा कर सकता है। इसके साथ ही जगदीश कुमार ने कहा कि 12-13 नवंबर को दिल्ली में हायर एजुकेशन की बैठक में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने एनईपी 2020 की प्रोग्रेस को रिव्यू किया है और इसे लागू करने की बात कही है।