एमपी में पहली बार 15 हजार डॉक्टर हड़ताल पर, ऑपरेशन टले, मरीजों को प्राइवेट अस्पताल में शिफ्ट किया

मध्य प्रदेश

भोपाल| प्रदेश के इतिहास में पहली बार 15 हजार से ज्यादा सरकारी डॉक्टर बुधवार से हड़ताल पर चले गए। हड़ताल के चलते रुटीन ऑपरेशन टाल दिए गए। प्रदेश के सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में मरीज़ परेशान होते देखे गए। वहीं प्रदेश के बड़े अस्पताल अब आयुर्वेदिक और होम्योपैथिक डॉक्टर्स के भरोसे कर दिए गए हैं। इधर हड़ताल खत्म करने के सरकार के प्रयास मंगलवार को विफल हो गए। चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग के आवास पर डॉक्टर्स के साथ बैठक बेनतीजा रही। करीब एक घंटे चली बैठक में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी, चिकित्सक संगठन के पदाधिकारी और गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा भी मौजूद रहे। इधर कांग्रेस ने डॉक्टर्स की मांगों के निराकरण के लिए प्रदेश सरकार से कदम उठाने की बात कही है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा कि प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं में अपना अमूल्य योगदान देने वाले एवं कोरोनाकाल में अपने प्राणों की चिंता किए बिना प्रदेश की जनता का उपचार और टीकाकरण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले हमारे शासकीय चिकित्सक और संविदा स्वास्थ्य कर्मी अपनी न्यायोचित मांगों को लेकर हड़ताल कर रहे हैं।

कमलनाथ ने कहा कि मैं राज्य शासन से अनुरोध करता हूं कि अविलंब हड़ताल कर रहे शासकीय चिकित्सकों और संविदा स्वास्थ्य कर्मियों से संवाद स्थापित कर उनकी मांगो के निराकरण के लिए आवश्यक कदम उठाएं, ताकि प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाएं सुचारू रूप से चलें और आम जनता एवं गंभीर मरीजों को असुविधा ना हो। वहीं डॉक्टर्स केन्द्र के समान डीएसीपी लागू किये जाने की मांग कर रहे हैं। चिकित्सक संगठन के पदाधिकार्यों का कहना है कि यदि सरकार निर्णय नहीं लेती है, तो हड़ताल वापस नहीं ली जाएगी। इससे पहले सोमवार को डॉक्टर्स ने काली पट्‌टी बांधकर मरीजों का इलाज किया था। मंगलवार को भी सुबह 11 से दोपहर 1 बजे तक दो घंटे के लिए काम बंद कर डॉक्टर्स ने 3 मई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी थी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *