मणिपुर-हिंसा : गस्त कर रही सेना पर फायरिंग, 1 जवान घायल, कर्फ्यू में 12 घंटे की दी गई थी ढील

देश मणिपुर राष्ट्रीय

इंफाल| मणिपुर में कुकी-मैतेई समुदाय में आरक्षण को लेकर जारी हिंसा के बीच रविवार देर रात फायरिंग में सेना का एक जवान घायल हो गया। इसके बाद उसे अस्‍पताल में भर्ती कराया गया। फिलहाल उसकी हालत खतरे से बाहर बताई जा ही है। सोमवार को सेना ने बताया कि रविवार की रात कांटो सबल से चिंगमांग गांव की ओर भीड़ ने फायरिंग की, जिसमें जवान घायल हो गया। वहां ग्रामीणों की मौजूदगी को देखते हुए जवानों ने जवाबी कार्रवाई नहीं की। सेना का फ्लैग मार्च जारी है।

इम्फाल वेस्ट जिले के अधिकारियों ने बताया कि 18 जून को स्थित नियंत्रण में होने के बाद सुबह 5 बजे से शाम 5 बजे तक 12 घंटे की कर्फ्यू में ढील दी गई। इससे जनता को दवाओं और खाद्य पदार्थों सहित आवश्यक वस्तुओं की खरीद में आसानी हुआ। अधिकारियों ने कहा कि पिछले हफ्ते शुक्रवार को मणिपुर के थोंगजू में भाजपा कार्यालय में भीड़ ने तोड़फोड़ की थी। बुधवार को इंफाल पश्चिम में मंत्री नेमचा किपजेन का घर जलाने की कोशिश हुई।

इसी दिन हुई हिंसा में 9 लोग मारे गए, जबकि 10 से ज्यादा घायल हुए। इस हिंसा को देखते हुए मणिपुर सरकार ने 20 जून तक इंटरनेट पर बैन बढ़ा दिया है। अफवाह और अशांति को फैलने से रोकने के लिए पूरे इंफाल वेस्ट जिले में वॉकी-टॉकी की बिक्री और इस्तेमाल पर बैन लगा दिया गया है। सोमवार को मणिपुर में हिंसा का 48वां दिन है। इस हिंसा के चलते राज्य में रोजगार और व्यापार पर काफी असर पड़ा है। इंफाल का एमा कैथल यानी मां मार्केट 500 साल पुराना है। ये दुनिया का एक मात्र ऐसा मार्केट है जिसे सिर्फ महिलाएं संचालित करती हैं। यहां करीब 5 हजार महिला दुकानदार हैं। मां मार्केट में सन्नाटा पसरा हुआ है। महिलाओं का कहना है कि ये हिंसा युद्ध का रूप ले चुकी है। इसमें सब कुछ तबाह हो चुका है।

अब हालत ये है कि महिला दुकानदार लोगों से निवेदन कर रही हैं कि वे खरीद लें। इसके बदले वे आधे-पौने दाम लेने को भी तैयार हैं। गार्मेंट्स की दुकान चलाने वाली याबाईबी ओईनम का कहना है, इस ‘युद्ध’ से तबाही हो रही है। हम अपने परिवार की मदद के लिए दुकान लगाती हैं लेकिन, अब स्थिति खराब है। पता नहीं ये युद्ध कब तक चलेगा, हालात कब सुधरेंगे।

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