अजमेर| बिपरजॉय चक्रवात की वजह से राजस्थान के पांच जिलों (बाड़मेर, पाली, राजसमंद, भीलवाड़ा, अजमेर) के कई इलाकों में बाढ़ आ गई है। बीते 24 घंटे की बात करें तो अजमेर में बारिश का 105 साल का रिकॉर्ड टूट गया। पाली के मुठाना में 20 इंच बारिश हो चुकी है। पाली में भी 12 इंच पानी गिरा। बूंदी, अजमेर, भीलवाड़ा के सैकड़ों गांवों में बिजली गुल है। अब तक राज्य में 8 लोगों की मौत हो चुकी है। मौसम विभाग ने कोटा, बारां-सवाई माधेपुर में मंगलवार के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। जयपुर में मंगलवार दोपहर बाद तेज बारिश शुरू हो गई।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत मंगलवार को चक्रवात से हुए नुकसान का जायजा लेने चौहटन और सांचौर पहुंचे। सांचौर में गहलोत ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का हवाई सर्वेक्षण किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि तूफान और बाढ़ को देखते हुए हमने एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की 25 टीमों को लगा दिया गया। सीएम ने कहा कि बाढ़ की वजह से कच्चे मकान बहुत ज्यादा टूटे हैं। कई मकान भी क्षतिग्रस्त हुए हैं। सर्वे करवाकर मुआवजा दिया जाएगा। गहलोत ने कहा कि एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के नियम बने हुए हैं। उसके कारण समय पर मुआवजा नहीं दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री गहलोत ने बाढ़ प्रभावित इलाकों के लोगों से पानी भराव क्षेत्र से दूर रहने की अपील की है।
चक्रवात से अजमेर में बारिश का 105 साल पुराना रिकॉर्ड टूट गया। यहां 17 जून 1917 में 119.4 मिमी बरसात एक ही दिन में हुई थी, जो अब तक जून में सर्वाधिक बारिश होने का रिकॉर्ड था। यह 19 जून को टूट गया। अजमेर में 18-19 जून (24 घंटे) को 131.8 मिमी बरसात दर्ज हुई। अजमेर में बारिश का दौर यहीं नहीं थमा। 19 जून की सुबह 8:30 बजे से लेकर शाम 6 बजे 100 मिमी बरसात दर्ज हुई। इसी तरह, जोधपुर में भी 12 साल का रिकॉर्ड टूटा है। यहां 17 जून को 91.3 मिमी बारिश हुई। इससे पहले 28 जून 2016 में करीब 74 मिमी बरसात हुई थी।