एनसीपी शरद और एनसीपी अजित ने पार्टी की बैठक बुलाई, दोनों दिखाएंगे अपनी-अपनी ताकत

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मुंबई: एनसीपी के अजित पवार ने दो जुलाई को डिप्‍टी सीएम की शपथ ली थी। उनके साथ आठ विधायकों ने भी मंत्री पद की शपथ ली थी। अजित पवार और बाकी बागियों को शरद पवार ने एनसीपी से निकाल दिया था। इसके बाद अजित पवार ने अपनी नई पार्टी बना ली। एनसीपी दो गुटों में बंट गई है। पहला शरद पवार गुट और दूसरा अजित पवार ग्रुप। दोनों ने अपनी ताकत दिखाने के लिए कल (बुधवार) बैठक बुलाई है।

शरद पवार ने मंगलवार को वाईबी चव्हाण सेंटर यानी एनसीपी दफ्तर में पार्टी की मीटिंग की। इसमें कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले मौजूद रहीं। बुधवार को भी यहीं मीटिंग होगी। एनसीपी के दोनों गुटों के अलावा शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) और कांग्रेस ने भी बैठकें बुलाईं। डिप्‍टी सीएम अजित पवार ने मंगलवार को मुंबई में मंत्रालय के सामने अपने नए पार्टी दफ्तर का ऐलान किया। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की कैबिनेट मीटिंग में भी शामिल हुए। इसके बाद अजित पवार ने सभी एनसीपी सांसदों, विधायकों, विधानसभा परिषद के सदस्यों, पार्टी पदाधिकारियों और नेताओं को बुधवार को बांद्रा के एमईटी पहुंचने को कहा है।

इधर, प्रफुल्ल पटेल ने मंगलवार को दावा किया कि 2022 में 53 में से 51 एनसीपी विधायकों ने शरद पवार से कहा था कि एमवीए सरकार गिरने के बाद भाजपा के साथ हाथ मिलाने की संभावना तलाशी जानी चाहिए। जयंत पाटिल भी इनमें से एक थे। पर शरद पवार ने सभी को ऐसा करने से रोक दिया। महाराष्ट्र के पूर्व सीएम कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा है कि एनसीपी के 53 विधायक थे। अगर 37 से ज़्यादा विधायक अजीत पवार के साथ जाते हैं तो दल-बदल कानून से बच सकते हैं। अगर 35 से कम रहे तो निलंबन तय है। जो शिवसेना के समय हुआ था, वही होगा। तस्वीर कल (बुधवार) तक साफ होगी।

इधर, अजित पवार के नए पार्टी दफ्तर के उद्घाटन से पहले वहां हंगामा हुआ। अजित पवार समर्थकों का आरोप था कि पीडब्‍ल्‍यूडी विभाग ने उन्हें दफ्तर की चाबी नहीं सौंपी थी। इसलिए गेट को धक्का मारकर खोला गया। हालांकि बाद में अजित वहां पहुंचे और पार्टी दफ्तर का उद्घाटन किया। एनसीपी संकट पर शरद पवार गुट के क्लाइड क्रैस्टो ने कहा कि अजीत पवार गुट कानूनी दांव-पेच चल रहा है। हमें अपना काम करना होगा। एनसीपी का मतलब अब भी शरद पवार ही है, घड़ी का चुनाव चिन्ह भी उनके पास है और वे अभी भी पार्टी के एक्टिव प्रेसिडेंट हैं।

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