मुंबई| भारत और पाकिस्तान के बीच खराब राजनैतिक संबंधों का असर क्रिकेट में दिख रहा है. एशिया कप 2023 को लेकर दोनों बोर्ड कई बार आमने-सामने आ चुके हैं और अब तक इस टूर्नामेंट के आयोजन पर कोई फैसला नहीं हो पाया हैं. भारत का पाकिस्तान जाना या पाकिस्तान का भारत आना दोनों देशों की सरकारों के ऊपर निर्भर करता है. सरकार से अनुमति मिलने के बाद ही दोनों देशों के बोर्ड एक दूसरे के यहां खेलने या नहीं खेलने पर फैसला कर सकते हैं.
एसीसी एशिया कप 2023 को लेकर भारत ने पहली ही मना कर दिया है की वह पाकिस्तान नही जाएगा और वंही दूसरी तरफ पाकिस्तान ने “हाइब्रिड मॉडल’ की मांग की है, पाकिस्तान चाहता है की वे अपने सारे मैच पाकिस्तान में खेलेगा और भारत अपने सभी मुकाबले दुबई, शारजाह और अबू धाबी में खेलेगा, हालांकि, श्रीलंका और बांग्लादेश ने इस प्रस्ताव पर अपनी असहमति जाहिर की है, वंही एसीसी के अधिकांश सदस्य देशों ने ‘हाइब्रिड मॉडल’ के विचार को खारिज करने का फैसला किया है. श्रीलंका और बांग्लादेश का कहना है कि अगर उनकी टीमें सुपर चार में पहुंचती हैं तो उन्हें लगातार पाकिस्तान और यूएई के बीच सफर करना होगा. यह उनके खिलाड़ियों के लिए काफी थकाने वाला सफ़र होगा. साथ ही सामान को बार-बार लाने और ले जाने में काफी परेशानी होगी और खर्च भी बढ़ेगा.
लेकिन अब यह विवाद विश्व कप 2023 को भी लेकर खड़ा होगया है, पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष नजम सेठी मांग कर रहे हैं कि अगर उनके कट्टर प्रतिद्वंद्वी भारत सितंबर में होने वाले एशिया कप के लिए पाकिस्तान की यात्रा करने से इनकार करते हैं तो उनकी टीम के विश्व कप खेलों को मेजबान देश भारत से बाहर कर दिया जाए. सेठी ने पिछले हफ्ते द इंडियन एक्सप्रेस से कहा की, “अगर भारत अब एक तटस्थ स्थान चाहता है और हाइब्रिड मॉडल को स्वीकार करता है, तो हम विश्व कप में उसी हाइब्रिड मॉडल का उपयोग करेंगे” लेकिन भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड की तरफ से अब तक इस पर कोई प्रतिक्रिया नही दी गई है. आप सभी लोगों को बता दे इस साल पुरुष विश्व कप भी है , जो अक्टूबर या नवम्बर के महीने में आयोजन किये जाने वाला है, लेकिन इसे लेकर अब तक संसय बना हुआ है , क्योंकि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने अब तक मैच शेड्यूल या स्थानों की सूची जारी करने में विफल रहा है.