नई दिल्ली| राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बाढ़ से हाहाकार मचा है। यमुना नदी खतरे के निशान से काफी ऊपर बह रही है। गुरुवार सुबह 7 बजे यमुना नदी का जलस्तर 208.46 मीटर दर्ज किया गया। यह खतरे के निशान 205 से तीन मीटर ऊपर है। दिल्ली के जलग्रस्त इलाकों में सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूल बंद कर दिए गए है। बाढ़ के कारण वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट भी बंद किया गया है। इससे राजधानी में पेयजल की किल्लत हो सकती है। हरियाणा में भी 13 जिलों में यमुना का पानी घुस चुका है। 240 गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। दिल्ली बाढ़ की स्थिति पर चर्चा के लिए दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने गुरुवार को दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) की बैठक बुलाई है। बैठक में सीएम अरविंद केजरीवाल भी मौजूद रहेंगे। इससे पहले बुधवार को दिल्ली सीएम केजरीवाल ने अधिकारियों संग मीटिंग की थी। मीटिंग के बाद उन्होंने निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट हो जाने का अपील किया था।
बाढ़ के बीच मौसम विभाग ने दिल्ली में और बारिश की चेतावनी जारी की है। इससे लोगों में दहशत है। आईएमडी की माने तो दिल्ली-एनसीआर में इस सप्ताह भी बारिश होगी और 15-16 तारीख के लिए बारिश का यलो अलर्ट है। ऐसे में बाढ़ के बीच यदि बारिश हुई तो जन-जीवन और प्रभावित होगा। वजीराबाद में सिग्नेचर ब्रिज के पास गढ़ी मांडू गांव जलमग्न हो गया है। आज गीता कॉलोनी पुश्ता रोड तक पानी पहुंचने लगा है। केंद्रीय जल आयोग को आशंका है कि गुरुवार दोपहर तक दिल्ली में यमुना का जलस्तर 209 मीटर पहुंचने पर ज्यादातर इलाके जलमग्न हो जाएंगे। यहां एनडीआरएफ की 12 टीमें तैनात की गई हैं। 2,700 राहत शिविर लगाए गए हैं। यमुना नदी के किनारे बसे निचले इलाकों से 16 हजार से ज्यादा लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। बजीराबाद, ओखला और चंद्रावल यहां के वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बंद कर दिए गए है। इससे राजधानी के कई इलाकों में पीने के पानी की किल्लत हो सकती है। उधर, सीएम आवास के एक किमी करीब तक जलभराव हो गया है। यमुना बाजार, मजनू का टीला, निगम बोध घाट, मोनेस्ट्री मार्केट, वजीराबाद,, गीता कॉलोनी और शाहदरा एरिया इलाके सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। उधर, हरियाणा में 13 जिलों में यमुना का पानी घुस चुका है। 240 गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। धीरे-धीरे यमुना का पानी अब आगे की और बढ़ रहा है, इससे जींद, फतेहाबाद, फरीदाबाद, पलवल और सिरसा में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। राज्य में अब तक 10 मौतें हो चुकी हैं।