सिवनी। चीतलों को चीतों का खास भोजन (शिकार) माना जाता है। इसीलिए श्योपुर कूनो नेशनल पार्क में चीतलों की संख्या बढ़ाने पेंच टाइगर रिजर्व से चीतलों को भेजा जा रहा है। सात जुलाई को दो ट्रकों में 66 चीतल भेजे गए थे।
सागर जिले के पास खुल गया ट्रक का दरवाजा
एक ट्रक में 40 व दूसरे ट्रक में 26 चीतलों को रवाना किया गया, लेकिन रास्ते में सागर जिले के पास एक ट्रक का दरवाजा खुल जाने से 12 चीतल कूदकर जंगल की ओर भाग गए। इसकी जानकारी दल प्रभारी व वनपाल सुखराम उइके ने वरिष्ठ अधिकारियों को नहीं दी।
26 चीतल में से सिर्फ 14 ही निकले
ट्रकों के कूनो नेशनल पार्क पहुंचने पर गिनती में एक ट्रक में भेजे गए 26 चीतल में से सिर्फ 14 ही निकले। 12 चीतलों के लापता होने की जानकारी मिलने पर पेंच टाइगर रिजर्व के उपसंचालक रजनीश सिंह ने मंगलवार को दल प्रभारी सुखराम उइके को निलंबित कर दिया है।
दरवाजा खुला तो कूदकर भागे
सिवनी से रवाना होने के बाद साथ में गए दल ने सागर जिले के हाइवे में कुछ देर विश्राम किया। रवाना होने के कुछ देर बाद चलते ट्रक क्र. एमपी 02 ए वी 5758 का दरवाजा खुल गया और कुछ चीतल कूदकर हाइवे से जंगल की ओर भाग निकले।
इस तरह का पहला घटनाक्रम
उपसंचालक रजनीश सिंह ने बताया कि चीतलों के ट्रक से कूदकर भागने के मामले की जांच कराई जा रही है। यदि किसी अन्य कर्मचारी की लापरवाही सामने आती है, तो संबंधित कर्मी के खिलाफ भी कार्रवाई होगी। यह पहला मौका है जब इस तरह का घटनाक्रम सामने आया है। उन्होंने बताया कि अभी तक पेंच नेशनल पार्क से मध्यप्रदेश के विभिन्न राष्ट्रीय उद्यान व वन क्षेत्रों में करीब 3,350 चीतलों को भेजा जा चुका है। कूनो नेशनल पार्क में करीब 600 चीतल भेजे जा चुके हैं। सबसे ज्यादा करीब दो हजार चीतल सतपुड़ा टाइगर रिजर्व भेजे गए हैं।