नई दिल्ली: मोदी सरनेम मामले में कांग्रेस के पूर्व सांसद राहुल गांधी ने शनिवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका में सूरत ट्रायल कोर्ट के सजा आदेश पर रोक लगाने से इनकार करने वाले गुजरात हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस याचिका में राहुल गांधी ने कहा है कि अगर याचिकाकर्ता को इस मामले में राहत मिली तो उनके करियर के आठ साल बर्बाद हो जाएंगे।
बता दें कि जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 8(3) के तहत किसी भी अपराध के लिए दोषी ठहराया गया हो और दो साल की सजा मिल गई है तो शख्स जेल की अवधि और सजा काटने के बाद भी अगले छह साल तक चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य रहेगा। इस तरह से कुल 8 साल तक राजनीति से दूर रहना पड़ेगा। बता दें कि 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान कर्नाटक के कोलार की एक रैली में राहुल गांधी ने कहा था कि कैसे सभी चोरों का उपनाम मोदी है? इसी को लेकर भाजपा विधायक और गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज कराया था। राहुल के खिलाफ आईपीसी की धारा 499 और 500 के तहत मामला दर्ज किया गया था।
केस दर्ज करने के चार साल बाद 23 मार्च, 2023 को सूरत की सीजेएम कोर्ट ने राहुल को दो साल की सजा सुनाई थी। हालांकि, कोर्ट ने निर्णय पर अमल के लिए 30 दिन का वक्त दिया था। इसके अगले ही दिन राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता भी रद्द कर दी गई। इसके बाद राहुल को अपना सरकारी घर भी खाली करना पड़ा था। निचली अदालत के इस फैसले के खिलाफ दो अप्रैल को राहुल ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। मई में राहुल गांधी की याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने उन्हें अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया था। पिछले दिनों हाईकोर्ट ने भी इस मामले में फैसला सुनाया और राहुल की याचिका खारिज कर दी और कोर्ट ने राहुल की निंदा भी की थी।