J&K : पुंछ में घुसपैठ की कोशिश नाकाम, शीर्ष हिज्बुल कमांडर सहित 2 आतंकवादी ढेर

जम्मू-कश्मीर देश राष्ट्रीय

पुंछ/जम्मू। जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में सुरक्षा बलों ने आतंकवादी घुसपैठ और क्षेत्र में हिज्बुल मुजाहिदीन की गतिविधियों को फिर शुरू करने की कोशिशों को नाकाम करते हुए सोमवार तड़के प्रतिबंधित संगठन के एक स्वयंभू डिविजनल कमांडर और उसके अंगरक्षक को मार गिराया। अधिकारियों ने बताया कि हिज्बुल कमांडर मुनेसर हुसैन का शव बरामद कर लिया गया है, जबकि उसके अंगरक्षक की लाश अब भी देगवार सेक्टर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास पड़ी हुई है।

अधिकारियों ने बताया कि देगवार सेक्टर में जवानों ने अंधेरे का फायदा उठाकर सीमा पार से घुसपैठ की कोशिश कर रहे कुछ आतंकवादियों को देखा, जिसके बाद दोनों पक्षों में मुठभेड़ शुरू हो गई। जम्मू में रक्षा विभाग के जनसंपर्क अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल सुनील बर्तवाल ने बताया कि रविवार को देर रात करीब दो बजे गढ़ी बटालियन इलाके में सेना और पुलिस के संयुक्त दल ने दो आतंकवादियों को घुसपैठ की कोशिश करते हुए देखा।

उन्होंने कहा, ‘‘एक आतंकवादी को तुरंत मार गिराया गया, जबकि दूसरे आतंकवादी ने वापस नियंत्रण रेखा (एलओसी) की ओर भागने की कोशिश की। इस दौरान उसने गोलीबारी की और सुरक्षा बलों की जवाबी कार्रवाई में उसे भी गोली लग गई, जिससे उसे जमीन पर गिरते हुए देखा गया।’’ लेफ्टिनेंट कर्नल बर्तवाल के मुताबिक, देगवार तेरवा में आतंकवादियों की गतिविधि देखी गई थी।

उन्होंने बताया कि मुठभेड़ में मारे गए एक आतंकवादी का शव बरामद कर लिया गया है और पुलिस रिकॉर्ड के आधार पर उसकी पहचान हुसैन के रूप में की गई है, जो पुंछ के बग्यलादरा गांव का रहने वाला था और हिज्बुल मुजाहिद्दीन का स्वयंभू डिविजनल कमांडर था। बर्तवाल ने कहा, “हुसैन 1993 में हथियारों का प्रशिक्षण लेने के लिए पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में गया था और तीन साल बाद वापस आया था।

1998 में पीओके लौटने से पहले उसने सुरक्षा बलों पर कई हमलों की साजिश रची थी।” उन्होंने बताया कि हुसैन की दो पत्नियां और कई बच्चे हैं तथा वह पीओके में मौजूद हिज्बुल के आका सैयद सलाउद्दीन के करीबी सहयोगी मौलाना दाऊद कश्मीरी का बेहद खास माना जाता था। बर्तवाल ने कहा, “जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती जिलों पुंछ और राजौरी में संगठन को पुनर्जीवित करने की योजना तैयार करने के लिए हाल ही में पाकिस्तान के इस्लामाबाद में हिज्बुल मुजाहिदीन की एक उच्च स्तरीय बैठक हुई थी।

माना जाता है कि हुसैन को उसके अंगरक्षक के साथ पीर-पंजाल पर्वतमाला के दक्षिण में आतंकवाद को पुनर्जीवित करने के एजेंडे के साथ भेजा गया था।” उन्होंने दावा किया, “हुसैन पिछले 10 वर्षों में राजौरी और पुंछ क्षेत्र में मारा गया सबसे खूंखार आतंकवादी है। उसकी मौत से यह स्पष्ट हो गया है कि पाकिस्तान युवाओं को बरगलाने और उनकी भर्ती करने के लिए पुराने शीर्ष आतंकवादियों को भेजने की कोशिश कर रहा है, ताकि वह क्षेत्र में आतंकवादी गतिविधियों को फिर से अंजाम देने में सक्षम हो सके।”

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