चेन्नई| सांसदी बहाली के बाद पहली बार अपने संसदीय क्षेत्र वायनाड पहुंचे राहुल गांधी ने कहा कि इस देश के असली हकदार आदिवासी हैं। उन्हें जंगल और जमीन का पूरा हक मिलना चाहिए। लेकिन दुर्भाग्य है कि दूसरी विचारधारा के लोग ऐसा नहीं चाहते हैं। वायनाड दौरे के दूसरे दिन राहुल ने डॉ. अंबेडकर डिस्ट्रिक्ट मेमोरियल कैंसर सेंटर में पावर फैसिलिटी का उद्घाटन किया। उद्घाटन कार्यक्रम में राहुल गांधी ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा इस समय दो विचारधाराओं के बीच में जंग छिड़ी हुई है। हम आपको आदिवासी मानते हैं। आप इस देश के असली हकदार। वहीं, दूसरी विचारधारा आपको आदिवासी नहीं, वनवासी मानती हैं। वे लोग आपको देश का असली स्वामी नहीं मानते।
राहुल गांधी ने कहा कि आदिवासी का मतलब है इस पृथ्वी, इस धरती को लेकर एक बुद्धिमत्ता, एक समझ। जिस ग्रह पर हम रहते हें उसके साथ एक खास रिश्ता। हमारे आदिवासी भाई-बहन इस देश के असली स्वामी हैं। हमारा मानना है कि आपको ये सोचने और तय करने की आजादी मिलनी चाहिए कि आप क्या करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि राहुल बोले, कुछ दिन पहले मेरी राजस्थान में बड़ी बैठक हुई थी, जहां मैंने आदिवासी समुदाय से बात की। मैंने उनसे उन दो विचारधाराओं के बारे में बात की, जो इस वक्त देश में एक-दूसरे के खिलाफ लड़ाई लड़ रही हैं। एक शब्द होता है, आदिवासी जिसका मतलब है जमीन का असली स्वामी।
कांग्रेस सांसद ने कहा कि यहां पर आदिवासियों की समझदारी को देखना चाहिए। वे पिछले 5 हजार साल से पर्यावरण संरक्षण की बात करते आ रहे हैं। हम आपके इतिहास, आपके रीति-रिवाज, आपके जिंदगी जीने के तरीके से बहुत कुछ सीख सकते हैं। न सिर्फ पर्यावरण के बारे में, बल्कि एक-दूसरे से कैसे रिश्ते बनाए रखने हैं, ये भी। राहुल गांधी ने कहा कि वायनाड आकर मुझे बहुत खुशी होती है। यहां के लोग चाहे किसी भी पार्टी को सपोर्ट करते हों, मेरा उनके साथ एक रिश्ता है। लेफ्ट के साथ हमारा वैचारिक मतभेद तो है, लेकिन इसके बावजूद जब मैं संसद से डिस्क्वॉलिफाई हुआ तो पूरे वायनाड के लोगों ने मेरा साथ दिया। मैं वायनाड के सभी लोगों को अपने परिवार का हिस्सा मानता हूं।