कोलकाता। उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और हरियाणा में अपराधियों के घरों पर प्रशासन का बुलडोजर चलने की खबरें सुर्खियों में रहती हैं, लेकिन बंगाल की राजधानी कोलकाता में भाजपा के एक नेता के घर को बुलडोजर से तोड़ दिया गया।
कोलकाता नगर निगम में चले लात-घूंसे
इस घटना को लेकर शनिवार को कोलकाता नगर निगम के सत्र के दौरान बंगाल में सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस व मुख्य विपक्षी दल भाजपा के पार्षद आपस में भिड़ गए। खूब लात-घूंसे चले। तृणमूल पार्षदों का आरोप है कि भाजपा ने केंद्रीय बलों के जवानों के साथ उनपर हमला किया।
भाजपा ने तृणमूल पर लगाया आरोप
दूसरी तरफ भाजपा पार्षदों का कहना है कि तृणमूल के लोगों ने उन्हें पीटा है। कोलकाता नगर निगम के 26 नंबर वार्ड के वाशिंदा सुनील सिंह के घर को बुलडोजर से तोड़ा गया है। सुनील सिंह का आरोप है कि तृणमूल के नेतृत्व वाले कोलकाता नगर निगम बोर्ड ने राजनीतिक उद्देश्य से यह कार्रवाई की है। वे चुनाव बाद हिंसा का शिकार हुए थे। थाने में उनकी प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई। बाद में कोर्ट के माध्यम से पुलिस में शिकायत दर्ज हुई। तभी से उन्हें निशाना बनाया जा रहा है। दूसरी तरफ निगम प्रशासन का कहना है कि पूरे घर को नहीं बल्कि उसके एक हिस्से को तोड़ा गया है, जिसका अवैध तरीके से निर्माण किया गया था।
भाजपा ने नगर निगम में उठाया मुद्दा
शनिवार को निगम के सत्र के अंत में वार्ड नंबर 50 से भाजपा पार्षद सजल घोष ने इस मुद्दे को उठाया, जिसपर निगम की चेयरपर्सन माला राय ने कहा कि इसपर सत्र में चर्चा नहीं हो सकती। उन्होंने जरूरत पड़ने पर मेयर से बात करने को कहा। तब सजल घोष ने मानवता के नाते मामले को देखने की बात कही। उन्होंने कहा कि किसी भी नागरिक का घर इस तरह से तोड़ा नहीं जा सकता। सत्र खत्म होते ही इसे लेकर हंगामा शुरू हो गया। तृणमूल व भाजपा के पार्षद आपस में भिड़ गए। तृणमूल ने दावा किया कि सजल की सुरक्षा में तैनात केंद्रीय बल के जवानों ने उनपर हमला किया और एके-47 राइफल से जान से मारने की धमकी दी। तृणमूल पार्षदों ने मेयर फिरहाद हकीम से निगम परिसर में केंद्रीय बलों के जवानों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। माला राय ने मामले की जांच कराने का आश्वासन दिया है।