रूस-यूक्रेन युद्ध पर केंद्र सरकार के रुख का देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने समर्थन किया है। जी-20 बैठक से पहले एक इंटरव्यू के दौरान मनमोहन सिंह ने कहा कि भारत ने शांति की अपील करते हुए अपने संप्रभु और आर्थिक हितों को पहले स्थान पर रखकर सही काम किया है। चीन संबंधों और राष्ट्रपति शी जिनपिंग के शिखर सम्मेलन में शामिल न होने पर उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत की क्षेत्रीय और संप्रभु अखंडता की रक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएंगे। मनमोहन सिंह ने सरकार को कोई सलाह देने से मना कर दिया।
उन्होंने घरेलू राजनीति के लिए विदेश नीति का उपयोग करने पर चेतावनी दी है। भारत की जी-20 अध्यक्षता पर मनमोहन सिंह ने कहा कि उनके समय में विदेश नीति, घरेलू राजनीति से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो गई थी। उन्होंने कहा कि पार्टी राजनीति के लिए कूटनीति का इस्तेमाल करते समय संयम बरतना जरूरी है। पूर्व पीएम ने कहा कि मुझे बहुत खुशी है कि भारत को जी-20 की अध्यक्षता मेरे जीवनकाल में मिली और मैं जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए भारत द्वारा विश्व नेताओं की मेजबानी करने का गवाह बनूंगा।
पूर्व पीएम ने कहा कि विदेश नीति हमेशा से भारत के गवर्नेंस फ्रेमवर्क का एक महत्वपूर्ण तत्व रही है, लेकिन यह कहना उचित है कि यह आज घरेलू राजनीति के लिए पहले की तुलना में और भी ज्यादा उचित और महत्वपूर्ण हो गई है। दुनिया में भारत की स्थिति घरेलू राजनीति में एक मुद्दा होना चाहिए। उन्होंने कहा कि पार्टी या व्यक्तिगत राजनीति के लिए कूटनीति और विदेश नीति का उपयोग करने में संयम बरतना भी उतना ही महत्वपूर्ण है।
बता दें कि नौ और 10 सितंबर को भारत की अध्यक्षता में दिल्ली में जी-20 समिट होगी़। ऐसे में होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन सहित कई देशों के राष्ट्राध्यक्ष दिल्ली पहुंच रहे हैं। हालांकि, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग शिखर सम्मेलन में शामिल नहीं हो रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को शनिवार को जी-20 के नेताओं के लिए आयोजित रात्रिभोज में आमंत्रित किया गया है।