कांग्रेस ने लगाया जम्मू-कश्मीर में केंद्र सरकार की ‘जल जीवन मिशन’ योजना में घोटाले का आरोप

देश नई दिल्ली राष्ट्रीय

नई दिल्ली। कांग्रेस ने सोमवार को आरोप लगाया कि जम्मू-कश्मीर में केंद्र सरकार की ‘जल जीवन मिशन’ योजना में 13 हजार करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है। पार्टी के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने यह भी दावा किया कि सरकार ने इस ‘घोटाले’ की जांच कराने के बजाय इसे उजागर करने वाले आईएएस अधिकारी को ही प्रताड़ित किया। मुख्य विपक्षी दल के इस आरोप पर सत्तापक्ष की तरफ से फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। खेड़ा ने संवादादाताओं से बातचीत में आरोप लगाया, ‘‘जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा की नाक के नीचे यह घोटाला हुआ है। इस घोटाले में सिन्हा और केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत पर शक की सुई जाती है।

शेखावत पर शक की सुई इसलिए जाती है, क्योंकि उन्होंने एक व्हिसलब्लोवर को सजा दी और भ्रष्टाचार के आरोपों में लिप्त अधिकारियों को बचाया।’’ उन्होंने दावा किया कि इस ‘घोटाले’ को अंजाम देने के लिए तकनीकी मंजूरी और प्रशासनिक अनुमोदन के बिना निविदा निकाली गई। कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘योजना के अंतर्गत लगभग हर जिले में ठेकेदारों द्वारा घटिया काम किया गया। विभिन्न स्तरों पर बार-बार चर्चा के बावजूद किसी विशेषज्ञ सलाहकार को नियुक्त नहीं किया गया।’’ खेड़ा ने दावा किया, ‘‘आईएस अधिकारी अशोक परमार ने अपनी शिकायत में चौंकाने वाले खुलासे किए हैं कि मनोज सिन्हा ने छह जून 2022 को उन्हें बिना किसी गलती के परेशान करने और अपमानित करने के उद्देश्य से बैठक कक्ष से बाहर निकाल दिया था। भारत सरकार की स्थानांतरण नीति का उल्लंघन करते हुए उनका लगातार स्थानांतरण किया गया। परमार का एक वर्ष में चार बार स्थानांतरण किया गया।’’

उनके मुताबिक, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग को लिखे एक पत्र में परमार ने जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल और मुख्य सचिव पर उत्पीड़न, धमकी देने एवं बदतमीजी का आरोप लगाया है और उनके लगातार स्थानांतरण का कारण जातिगत भेद भाव व पूर्वाग्रह बताया है। खेड़ा ने कहा, ‘‘परमार के साथ जो व्यवहार हुआ है वह इस सरकार की दलित-विरोधी मानसिकता को उजागर करता है।’’ खेड़ा ने सवाल किया, ‘‘घोटाले को उजागर करने वाले आईएएस अधिकारी को क्यों परेशान किया गया और क्यों निशाना बनाया गया? इस घोटाले का मुख्य साजिशकर्ता कौन है? गृह मंत्रालय में शिकायतों और सीबीआई जांच की मांग के बावजूद घोटाले की विस्तृत जांच के आदेश क्यों नहीं दिये गये? सरकार किसे बचाने की कोशिश कर रही है?’’

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *