MP में जनता के भरोसे का चेहरा अब भी शिवराज सिंह, भाजपा को 140 से ज्यादा सीटें मिलने का अनुमान

प्रादेशिक भोपाल मध्‍य प्रदेश

सर्वे में लाडली बहना और पेसा एक्ट को बताया गेम चेंजर

भोपाल। मध्यप्रदेश के ओपिनियन पोल ने अब तक हवाओं में तैर रही बदलाव की बातों को एकदम से जमींदोज कर दिया है। यदि प्रदेश में आज चुनाव हो जाए तो भाजपा को 140 से ज्यादा सीटें मिलने का अनुमान है। मध्यप्रदेश में जनता के भरोसे का चेहरा अब भी शिवराज सिंह चौहान ही हैं। 18 साल तक लगातार मुख्यमंत्री रहने के बावजूद जनप्रिय बने रहना अपने आप में बड़ी बात है। शिवराज सिर्फ भाजपा के ही सबसे बड़ा चेहरा नहीं हैं, बल्कि वे पूरे प्रदेश की राजनीति का सबसे भरोसेमंद चेहरा बने हुए हैं। मध्यप्रदेश चुनाव को लेकर पिछले 10 दिन में आये तीन सर्वे ने भी इस पर मुहर लगाई। वहीं ये भी सामने आया कि यदि आज चुनाव हो जाए तो भाजपा को स्पष्ट बहुमत से ज्यादा ही सीटें मिलेगी। मुख्यमंत्री के लिए अभी भी जनता की पहली पसंद शिवराज ही हैं। साठ फीसदी से ज्यादा मतदाता शिवराज के पक्ष में हैं। तीनों ही सर्वे में लाडली बहना और पेसा एक्ट को गेम चेंजर बताया गया है।

58.3 फीसदी जनता ने शिवराज और 41.7 फीसदी कमलनाथ के पक्ष में

पिछले दस दिनों में जो सर्वे आये हैं। उनमें निजी चैनल का ओपिनियन पोल हैं। निजी चैनलों के ओपिनियन पोल में 58.3 फीसदी जनता ने शिवराज सिंह चौहान सरकार के कामकाज को बेहतर माना जबकि कमलनाथ के नेतृत्व वाली सरकार को केवल 41.7 फीसदी जनता का समर्थन है।

निजी चैनलों के ओपिनियन पोल

निजी चैनलों के ओपिनियन पोल में कमलनाथ से बहुत आगे निकले हैं शिवराज। तीनों ही ओपिनियन पोल में मुख्यमंत्री पद की रेस में सबसे पसंदीदा चेहरा शिवराज ही हैं। दो महीने पहले तक चल रही एंटी इंकम्बैंसी और चेहरा बदलने की बात को भी इस पोल ने ख़ारिज किया है। पोल में शिवराज को 60.2 फ़ीसदी जनता का समर्थन जबकि कमलनाथ के पक्ष में महज़ 39.8 फ़ीसदी लोग है।

लाडली लक्ष्मी योजना को 43.8 फीसदी जनता का समर्थन

निजी चैनलों के ओपिनियन पोल में बहनों और आदिवासियों का वोट भाजपा के पक्ष में आया। लाडली बहना के आयोजनों और आदिवासी इलाकों में पेसा एक्ट की चौपालों को मिले समर्थन का प्रतिबिंब भी इस पोल में दिखाई दे रहा है। शिवराज सरकार की महत्वाकांक्षी लाडली लक्ष्मी योजना को 43.8 फीसदी जनता का समर्थन मिला है। ओपिनियन पोल के मुताबिक 38.4 फीसदी लोगों ने माना कि पेसा कानून से आदिवासी समाज को बहुत लाभ हुआ है जबकि 43.2 फीसदी लोगों के मुताबिक इस कानून से कुछ हद तक लाभ मिला है।

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