येरूशलम। इजरायल ने हमास के हमलों के बाद से गाजा पट्टी की नाकेबंदी कर रखी है। इजरायल ने खाना, पानी और ईंधन की सप्लाई भी रोक दी। इसके चलते गाजा पट्टी में रहने वाले लोगों को मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। इसी बीच हमास अब सौदेबाजी पर उतर आया है। हमास ने 50 बंधकों को छोड़ने के बदले ईंधन की सप्लाई की अनुमति देने की शर्त रखी है। उसने इजरायल के सामने दोहरी नागरिकता वाले 50 बंधकों को रिहा करने के बदले फ्यूल सप्लाई की मांग की है। हालांकि, इजरायल ने इस मांग को ठुकरा दिया है। इजरायल का कहना है कि ईंधन सप्लाई की अनुमति तभी देगा, जब सभी 220 बंधकों को रिहा किया जाएगा। आपको बता दें कि हालात इस कदर खराब हैं कि गाजा के डॉक्टर्स ने दो दिन पहले ही सख्त चेतावनी दी थी कि अगर अस्पताल में फ्यूल का इंतजाम नहीं किया गया तो समय से पहले जन्मे 130 बच्चों की जान जोखिम में आ सकती है।
फिलिस्तीन और इजरायल के बीच युद्ध में गाजा के करीब दो हजार बच्चे मारे गए
इजराइल-फिलिस्तीनी के बीच संघर्ष बढ़ने के बाद से गाजा पट्टी में कम से कम 2,000 बच्चे मारे गए हैं। मानवीय संगठन सेव द चिल्ड्रन ने सोमवार को यह जानकारी दी। संगठन ने एक बयान में कहा, ”पिछले 17 दिनों में गाजा में कम से कम 2,000 बच्चे मारे गए हैं, लगातार हवाई हमलों के कारण गाजा पट्टी में हजारों इमारतें मलबे के ढेर में तब्दील हो गई हैं।” बयान में कहा गया है कि वेस्ट बैंक में भी 27 बच्चे मारे गए। सेव द चिल्ड्रन्स के फ़िलिस्तीन के निदेशक जेसन ली ने कहा ”हम सभी पक्षों से बच्चों के जीवन की रक्षा के लिए तत्काल कदम उठाने का आह्वान करते हैं, और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से इन प्रयासों का समर्थन करने का आह्वान करते हैं। बच्चों को नुकसान से बचाने के लिए हर संभव प्रयास किया जाना चाहिए और उन्हें आवश्यक सहायता प्रदान की जानी चाहिए।
गाजा में इजरायली हवाई हमलों में 53 लोगों की मौत
गाजा। दक्षिणी गाजा पट्टी में खान यूनिस और रफाह शहरों में आवासीय इमारतों पर इजरायली हवाई हमलों में बच्चों सहित कम से कम 53 लोगों की मौत हो गयी है। अल जजीरा ब्रॉडकास्टर ने एक सूत्र के हवाले से यह जानकारी दी। उल्लेखनीय है कि गत 07 अक्टूबर को, फिलिस्तीनी आंदोलन हमास ने गाजा पट्टी से इज़रायल के खिलाफ अचानक बड़े पैमाने पर रॉकेटों से हमला किया। इज़रायल ने जवाबी हमले शुरू किए और 20 लाख से अधिक लोगों के घर गाजा पट्टी की पूर्ण नाकाबंदी का आदेश दिया, और पानी, भोजन और ईंधन की आपूर्ति काट दी। संघर्ष के बढ़ने से दोनों पक्षों के हजारों लोग मारे गए और घायल हो गए।