शराब घोटाले में अरविंद केजरीवाल को ईडी का नोटिस, 2 नवंबर को पूछताछ के लिए बुलाया

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नई दिल्ली: दिल्ली शराब घोटाला केस में मनीष सिसोदिया, संजय सिंह के बाद अब अरविंद केजरीवाल का भी नाम जुड़ता दिख रहा है. दिल्ली आबकारी नीति केस की जांच की आंच मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल तक पहुंच गई है और अब ईडी ने समन जारी कर दिया है. ईडी यानी प्रवर्तन निदेशालय ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ के लिए 2 नवंबर को तलब किया है. इससे पहले इसी मामले में मनीष सिसोदिया और संजय सिंह जेल में बंद हैं.

दरअसल, आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल को पीएमएलए यानी धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत समन जारी किया गया है और सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली में मामले के जांच अधिकारी के सामने पेश होने के बाद एजेंसी मुख्यमंत्री का बयान दर्ज करेगी. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ऐसे वक्त में ईडी ने पूछताछ के लिए बुलाया है, जब आज ही यानी सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने मनीष सिसोदिया को झटका दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने आज आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की दो अलग-अलग जमानत याचिकाएं खारिज कर दीं.

दरअसल, ईडी ने दिल्ली शराब घोटाला मामले में दाखिल अपने आरोपपत्रों में कई बार अरविंद केजरीवाल के नाम का उल्लेख किया है और कहा है कि आरोपी दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 को तैयार करने और लागू करने के संबंध में आम आदमी पार्टी (आप) नेता के संपर्क में थे. हालांकि, बाद में यह आबकारी नीति रद्द कर दी गई थी. सूत्रों के मुताबिक, मामले में इस महीने की शुरुआत में गिरफ्तार किए गए आप सांसद संजय सिंह से पूछताछ के आधार पर कुछ नए खुलासे हुए हैं. सूत्रों ने कहा कि अरविंद केजरीवाल से नए सुरागों पर स्पष्टीकरण मांगा जाएगा. यही वजह है उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया गया है.

इससे पहले 16 अप्रैल को आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल से सीबीआई यानी केंद्रीय जांच ब्यूरो ने मामले में नौ घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की थी. दिल्ली शराब घोटाला केस से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आम आदमी पार्टी के दो दिग्गज नेता मनीष सिसोदिया और संजय सिंह अभी सलाखों के पीछे हैं. मनीष सिसोदिया को झटका देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को दिल्ली आबकारी नीति मामले से संबंधित भ्रष्टाचार और धन-शोधन मामलों में उनकी नियमित जमानत याचिका खारिज कर दी और कहा कि मामले में अस्थायी तौर पर 338 करोड़ रुपये के हस्तांतरण की पुष्टि हुई है.

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