दिल्ली : सीवेज शोधन संयंत्र परियोजनाओं में घोटाले का भाजपा ने केजरीवाल सरकार पर आरोप लगाया

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नयी दिल्ली| 27 नवंबर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने दिल्ली जल बोर्ड द्वारा संचालित सीवेज शोधन संयंत्रों के उन्नयन के लिए निविदा प्रक्रिया में घोटाले का सोमवार को आरोप लगाया और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से तत्काल इस्तीफे की मांग की. भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने यहां पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए दावा किया कि दिल्ली जल बोर्ड ने शहर में पांच सीवेज शोधन संयंत्रों (एसटीपी) के उन्नयन और पांच अन्य के उन्नयन व क्षमता वृद्धि के लिए बोलियां आमंत्रित की थीं. भाटिया ने दावा किया कि परियोजनाओं की अनुमानित लागत करीब 1,500 करोड़ रुपये थी लेकिन ठेकेदारों को 1,938 करोड़ रुपये की बढ़ी हुई दर से ठेके दिए गए. उन्होंने कहा, ‘‘बोलियां आमंत्रित की गई थीं और ‘कार्टेलाइजेशन’ के बाद ही निविदाएं दी गईं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि किसी ईमानदार ठेकेदार को परियोजना न मिले. यह चिंताजनक है, अरविंद केजरीवाल आपने एक और घोटाला किया है.’’

भाजपा प्रवक्ता ने कहा, ‘‘अरविंद केजरीवाल के तंत्र को देखिए। एल1 (सबसे कम) बोली 392 करोड़ रुपये की थी लेकिन ठेका 408 करोड़ रुपये की बढ़ी हुई लागत पर दिया गया. प्रथम दृष्टया यह ठेका देने में 450-500 करोड़ रुपये का घोटाला है.’’ उन्होंने आरोप लगाया कि अगर कोई भ्रष्टाचार के पर्याय हैं और लूट में माहिर हैं तो वह सिर्फ और सिर्फ ‘कट्टर बेईमान’ अरविंद केजरीवाल हैं. उन्होंने कहा, ‘‘अगर थोड़ी सी भी शर्म बची है तो अरविंद केजरीवाल को तुरंत दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे देना चाहिए और कानून को अपना काम करने देना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘‘यह 2012-13 में आपकी ही राजनीति थी कि अगर किसी पर कोई आरोप लगता है तो उसे निर्दोष साबित होने तक तुरंत अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए.’’ इस मुद्दे को उठाते हुए दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने केंद्रीय जांच एजेंसियों और उपराज्यपाल वी के सक्सेना को पत्र लिखकर दिल्ली जल बोर्ड द्वारा संचालित सीवेज शोधन संयंत्रों के उन्नयन के लिए निविदा प्रक्रिया में कथित अनियमितताओं की जांच की मांग की है.

सचदेवा ने आरोप लगाया, ‘‘सलाहकार द्वारा एकल उद्धरण के आधार पर अनुमानित लागत तैयार किया गया था, जिसके परिणामस्वरूप अनुमानित लागत बाजार दर से अधिक थी. इस प्रक्रिया के दौरान मदों व कार्यों (मुख्य रूप से सिविल कार्यों) की दरें उच्च पक्षों के हिसाब से तैयार की गईं और उसके बाद 1,938 करोड़ रुपये में काम दिए गए, जो 1,508 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से 28 प्रतिशत अधिक है.’’ भाटिया ने केजरीवाल को जांच होने देने की चुनौती देते हुए कहा कि डीजेबी के ठेके देने में ‘भ्रष्टाचार’ साबित हो जाएगा. उन्होंने कहा, ‘‘आपको लगता है कि आप भ्रष्टाचार करते रहेंगे और सुरक्षित रहेंगे. मैं सिर्फ इतना कहूंगा कि केजरीवाल जी आप भ्रम में मत रहिए. मैं आपसे कहता हूं कि आप कानून से ऊपर नहीं हैं. कानून अपना काम करेगा. वह दिन दूर नहीं जब आप भी अपने सभी भ्रष्टाचार और पापों के लिए सजा का सामना करेंगे. अरविंद केजरीवाल भी किसी अन्य भ्रष्ट व्यक्ति की तरह सलाखों के पीछे होंगे.’’ भाजपा के इन आरोपों पर आम आदमी पार्टी की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.

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